प्रेस मीट में सेना ने दी हमले की जानकारी, पाकिस्तान ने की 36 स्थानों पर घुसपैठ की कोशिश, किया 400 ड्रोन का इस्तेमाल

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान के उस आरोप को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि भारत ने अपने ही शहरों पर हमले किए। मिस्री ने इसे पाकिस्तान का विक्षिप्त भ्रम बताया और स्पष्ट किया कि भारतीय सेना ने अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी जिम्मेदारी और संयम के साथ जवाबी कार्रवाई की है।


पाकिस्तान के द्वारा 8 और 9 मई की रात को भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के बावजूद, भारतीय रक्षा बलों ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया, जिससे पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मंसूबा धराशायी हो गया।

सेना ने पाकिस्तान की ओर से गुरुवार को हुई फायरिंग को लेकर मीडिया को जानकारी दी। इस संबंध में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि 36 स्थानों पर घुसपैठ की कोशिश करने के लिए लगभग 300 से 400 ड्रोन का इस्तेमाल किया। ये ड्रोन तुर्की के हैं।

उन्होंने कहा, 7 और 8 मई की रात को पाकिस्तानी सेना ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के इरादे से पूरी पश्चिमी सीमा पर कई बार भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर भारी कैलिबर के हथियारों से भी गोलीबारी की।

कर्नल सोफिया ने कहा कि 36 स्थानों पर घुसपैठ की कोशिश करने के लिए लगभग 300 से 400 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। भारतीय सशस्त्र बलों ने काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक साधनों का उपयोग करके इनमें से कई ड्रोन को मार गिराया।

उन्होंने बताया कि इस तरह के बड़े पैमाने पर हवाई घुसपैठ का संभावित उद्देश्य वायु रक्षा प्रणालियों का परीक्षण करना और खुफिया जानकारी एकत्र करना था। ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि वे तुर्की अस्सिगार्ड सोंगर ड्रोन हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुँच गया है। गुरुवार को पाकिस्तान ने जम्मू, राजस्थान और पंजाब समेत कई भारतीय क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइलों के जरिए हमला किया। हालांकि, भारतीय रक्षा बलों ने इन हमलों को समय रहते नाकाम कर दिया, जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान और जनहानि को रोका जा सका। यह कार्रवाई उस दिन के ठीक बाद हुई, जब भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। ये हमले पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में किए गए थे, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

भारत की जवाबी कार्रवाई तेज और प्रभावी रही। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान द्वारा दागे गए आठ मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया, जबकि भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के F-16 और संभवतः दो JF-17 विमानों को मार गिराया।

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान के उस दावे को सख्त नकारा, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना ने अपने ही शहरों पर हमले किए। मिस्री ने इसे पाकिस्तान का विक्षिप्त भ्रम बताया और कहा, हम अपने ही शहरों पर हमला करेंगे, यह पाकिस्तान की मानसिकता का विकृत रूप है।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, पाकिस्तान ने 7 मई को बिना किसी उकसावे के ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे, लेकिन इसके बावजूद उसने अपना नागरिक हवाई क्षेत्र बंद नहीं किया। पाकिस्तान जानबूझकर नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान की सेना ने 8 और 9 मई की रात को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले करने की कोशिश की थी। पाकिस्तान ने इन हमलों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिनका उद्देश्य भारतीय हवाई रक्षा प्रणालियों का परीक्षण और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था। प्रारंभिक रिपोर्टों से यह जानकारी सामने आई है कि ये ड्रोन तुर्की निर्मित 'आसिसगार्ड सोंगर' हो सकते हैं।

भारतीय सेना ने कई ड्रोन को नष्ट किया, और अब इन ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है।