चीनी छात्रों की वर्चुअल किडनैपिंग बना ऑस्ट्रेलिया में ठगी का नया तरीका, रहें सावधान

वर्तमान समय को तकनिकी और इंटरनेट के लिए जाना जाता है। हर सिक्के के दो पहलुओं की तरह इनसे जितनी सुविधाएं मिली है उठने की ठगी करने के नए रास्ते भी बने हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा हैं ऑस्ट्रेलिया में जहां चीनी छात्रों की वर्चुअल किडनैपिंग की जा रही हैं और फिरौती की मोटी रकम मांगी जा रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस द्वारा इसको लेकर चेतावनी दी गई है कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे चीनी छात्रों के दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे ऐंठने के लिए वर्चुअल अपहरण किए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में इस तरह के कई अंतरराष्ट्रीय मामले सामने आए हैं। पुलिस ने बताया कि ठगों ने खुद को चीनी अधिकारी बताकर इन छात्रों को डराया, उन्हें जबरन अपने ही अपहरण का नाटक करने पर मजबूर किया और फिर फिरौती में लाखों ऑस्ट्रेलियाई डॉलर ले उड़े।

अपराधी अक्सर फोन कर मैंडरिन में बात करते और चीनी दूतावास या पुलिस से होने का दावा करते या अपने शिकार को शुरू में बताते कि उस पर चीन में किसी जुर्म का आरोप है या उन्हें यह बताते कि उनकी पहचान चोरी कर ली गई है। उसके बाद धमकी देते कि अगर उन्होंने कुछ पैसे नहीं दिए तो उन्हें वापस चीन भेज दिया जाएगा। बदमाश इसके बाद भी अपने शिकार को तब तक धमकाते रहते जब तक वह ऑफशोर बैंक खातों में एक मोटी रकम नहीं डाल देते।

कुछ मामलों में शिकार हुए छात्रों को कहा जाता कि वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से कोई संपर्क ना रखें फिर उन्हें कहा जाता कि वह खुद को बंधक दिखाते हुए अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर अपना वीडियो बनाएं। इसके बाद इस तरह के वीडियो का इस्तेमाल फिरौती की रकम मांगने में करते।

पुलिस ने बताया कि इस साल कम से कम आठ ऐसे मामलों में फिरौती में 30 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की उगाही की गई है। दुनिया में और भी कई जगह पर इस तरह के मामले सामने आए हैं और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने कहा है कि इन घोटालों को पिछले एक दशक में अंतरराष्ट्रीय संगठित जुर्म सिंडिकेटों और जालसाजों ने विकसित किया है।

ऑस्ट्रेलिया में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करने वाली संस्था ने पिछले साल इस तरह के 1,000 से भी ज्यादा मामले दर्ज किए थे। चीनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले निर्वासित लोग और सताए गए नस्लीय समूहों ने चीनी अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत की है। शिकायत में धमकी भरे फोन कॉल का आना भी शामिल है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि कोई भी अधिकारी छात्रों को उनके मोबाइल पर फोन नहीं करेगा।