पुलवामा हमलाः मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए 12 बड़े आतंकवादी हमले, अब तक 133 से ज्यादा जवान हुए शहीद

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुलवामा (Pulwama Terrorist Attack) में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमले में अब तक सीआरपीएफ (CRPF) के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ (CRPF) काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED का इस्तेमाल हुआ। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया। बताया जा रहा है कि इस खूनी खेल को अंजाम देने वाला पुलवामा का ही आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) था। जिस कार ने सीआरपीएफ जवानों के बस में टक्कर मार आतंकी हमले को अंजाम दिया, उस कार को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) का आतंकवादी आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) चला रहा था। सूत्रों की माने तो आतंकी संगठन जैश- ए- मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) पुलवामा हमले (Pulwama Terrorist Attack) के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था। यहां तक कि जैश-ए-मोहम्मद ने प्राइवेट ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें आतंकी हमले (Terrorist Attack) की संभावना जताई गई थी। इसमें सुरक्षा बलों पर हमले की चेतावनी दी गई थी। इस घटना से पूरे देश में रोष का माहौल है। इस नापाक हरकत के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पूरे देश में मांग की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उरी के बाद यह देश पर सबसे बड़ा हमला है। बात अगर मोदी सरकार की करें, तो मोदी सरकार (Modi Government) के इस कार्यकाल में देश में 12 बार आतंकियों ने हिंदुस्तान की सरजमीं को दहलाने की कोशिश की। यहां आपको बताते हैं कि इन 12 हमलों के दौरान किस तरह से आतंकियों ने कायराना करतूत को अंजाम दिया....

उरी मोहरा हमला- दिसंबर 2014

बारामूला के उरी सेक्टर के मोहरा में सैन्य रेजीमेंट पर आतंकियों ने कायराना तरीके से हमला किया था। इस हमले में 12 जवान शहीद हुए थे और जवाब में भारतीय सेना ने 6 आतंकियों को मार गिराया था।

मणिपुर में हमला- जून 2015

4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में आतंकियों ने भारतीय सेना के काफिले पर बारूदी सुरंग बिछा कर हमला कर दिया था। इस आतंकी हमले में देश के 18 जवान शहीद हुए थे।

गुरुदासपुर में हमला- जुलाई 2015

पंजाब के गुरुदासपुर में आर्मी ड्रेस पहने आतंकियों ने दीनानगर पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था। इस हमले में 4 जवान शहीद हुए थे और इसके अलावा 3 सिविलियन भी मारे गए थे।

पठानकोट हमला- जनवरी 2016

जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। 6 दिनों तक चले इस ऑपरेशन में कुल 7 जवान शहीद हुए थे।

अनंतनाग हमला- जून 2016

अनंतनाग के चेकपोस्ट पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें 2 जवान शहीद हुए थे। एक दिन पहले भी बीएसएफ (BSF) के काफिल पर हमला किया था। जिसमें 3 जवानों की जान चली गई थी।

पंपोर हमला- जून 2016

पंपोर के पास श्रीनगर- जम्मू हाइवे पर सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 8 जवान शहीद हो गए थे जबकि दो दर्जन जवान जख्मी भी हुए थे।

ख्वाजा बाग हमला - अगस्त 2016

श्नीनगर बारामूला हाइवे पर सैन्य काफिले पर हमला कर दिया था। यह हमला हिजबुल ने किया था। इसमें 8 जवान शहीद हुए थे।

पुंछ आतंकी हमला - सितंबर 2016

पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादियों ने आतंकी हमला कर दिया था। ये मुठभेड़ 3 दिनों तक चली थी। इस आतंकी हमले में 6 जवान शहीद हुए थे। सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में 4 आतंकी भी मारे गए थे।

उरी हमला - सितंबर 2016

सेना के सोते हुए जवानों पर हमला कर दिया था। जिसमें 19 जवान शहीद हो गए थे।

अमरनाथ यात्रियों पर हमला - जुलाई 2017

अमरनाथ जा रही बस पर आतंकियों ने हमला कर लिया था। 7 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।

सीआरपीएफ कैंप पर हमला- दिसंबर 2017

सीआरपीएफ के ट्रेनिंग कैंप की 185वीं बटालियन पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। जिसमें 5 जवान शहीद हुए थे जबकि 2 आतंकी मारे गए थे।


सीआरपीएफ (CRPF) काफिले पर हमला - फरवरी 2019

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमला किया। हमले में CRPF के अब तक 40 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं। रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक जवान 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। जिनमें से ज्यादातर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद वापस लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। ये काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे शाम तक श्रीनगर पहुंचना था। सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया कि ये एक बड़ा काफिला था और करीब 2500 सुरक्षाकर्मी अलग-अलग वाहनों में जा रहे थे। ये हमला श्रीनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए।