प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में चर्चा का केंद्र बने IITian बाबा अभय सिंह ग्रेवाल हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। आईआईटी बॉम्बे से मास्टर की डिग्री हासिल कर और फिर कनाडा में एक बढ़िया नौकरी के बाद भी जब अभय को आंतरिक शांति नहीं मिली तो उन्होंने आध्यात्मिक की दुनिया में कदम रखा। उनके पिता करण ग्रेवाल, जो झज्जर न्यायालय में अधिवक्ता हैं, ने एक निजी टीवी चैनल से अपने बेटे के अनोखे सफर पर बात की। उन्होंने बताया कि अभय बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे। स्थानीय स्कूलों से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली से IIT की तैयारी की और मुंबई IIT से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद अभय ने मास्टर्स ऑफ डिजाइनिंग का कोर्स किया और दिल्ली व कनाडा की प्रतिष्ठित कंपनियों में काम किया। हालांकि, कोविड के दौरान उन्होंने कनाडा की नौकरी छोड़ दी और भारत लौट आए।
भारत लौटने के बाद अभय सिंह ने शिमला, मनाली और हरिद्वार जैसी जगहों पर घूमना शुरू कर दिया। उनके पिता करण ग्रेवाल का कहना है कि उन्होंने बेटे से आखिरी बार करीब छह महीने पहले बात की थी। तब से ही अभय ने परिवार से दूरी बना ली है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि वह घर लौट आए, लेकिन बाबा बनने के बाद उसकी वापसी अब संभव नहीं लगती।
करण ग्रेवाल ने स्वीकार किया कि उनका परिवार बेटे की घर वापसी की उम्मीद कर रहा है, लेकिन मौजूदा हालात में यह मुश्किल लगता है। बाबा बनने के बाद अभय सिंह ने सन्यास का रास्ता चुना है, जिसने उन्हें श्रद्धालुओं और सोशल मीडिया पर बड़ी पहचान दिलाई है।