उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 की शुरुआत से ही IIT वाले बाबा अभय सिंह काफी सुर्खियों में थे। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल हो रहे थे, और उनसे मिलने वालों की भीड़ लगी रहती थी। लेकिन इसी बीच बाबा अभय सिंह अचानक महाकुंभ से गायब हो गए, जिससे यह सवाल उठने लगा कि आखिर वे कहां चले गए।
जूना अखाड़े से गायब हुए बाबाजूना अखाड़े के सोलह मणि आश्रम में ठहरने वाले अभय बाबा के अचानक लापता होने पर उनके गुरु सोमेश्वर पुरी महाराज ने खुलासा किया कि उन्हें खुद भी नहीं पता कि बाबा कहां चले गए हैं। न्यूज चैनल आज तक से बातचीत में एक अन्य साधु ने बताया कि बाबा को अभिमान हो गया था कि लोग उनसे मिलने के लिए उमड़ रहे हैं। उन्हें लगने लगा था कि वे कुछ भी कर सकते हैं।
‘आध्यात्मिक स्तर पर थे उच्च, पर नियंत्रण की कमी थी’अभय सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि उनका आध्यात्मिक स्तर काफी ऊंचा था, लेकिन प्रसिद्धि मिलने के बाद उनकी बातें जूना अखाड़े की छवि पर असर डाल सकती थीं। इसलिए उन्हें सबसे बड़े धर्माचार्य के पास भेज दिया गया। इसके बाद से बाबा कहां गए इसका कोई पता नहीं है।
माता-पिता भी आए, लेकिन नहीं हो सकी मुलाकातअभय बाबा के माता-पिता भी उनसे मिलने के लिए आश्रम पहुंचे थे लेकिन वे बाबा से मुलाकात नहीं कर सके। निराश और आंसुओं के साथ उन्हें वापस लौटना पड़ा। एक साधु ने बताया कि बाबा को सलाह दी गई थी कि वे अपनी शक्तियों को नियंत्रित करने के लिए किसी को मार्गदर्शक बनाएं लेकिन वे किसी को गुरु मानने के लिए तैयार नहीं थे।
आपको बता दे, IITian बाबा अभय सिंह ग्रेवाल हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। आईआईटी बॉम्बे से मास्टर की डिग्री हासिल कर और फिर कनाडा में एक बढ़िया नौकरी के बाद भी जब अभय को आंतरिक शांति नहीं मिली तो उन्होंने आध्यात्मिक की दुनिया में कदम रखा। उनके पिता करण ग्रेवाल, जो झज्जर न्यायालय में अधिवक्ता हैं, ने एक निजी टीवी चैनल से अपने बेटे के अनोखे सफर पर बात की। उन्होंने बताया कि अभय बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे। स्थानीय स्कूलों से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली से IIT की तैयारी की और मुंबई IIT से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद अभय ने मास्टर्स ऑफ डिजाइनिंग का कोर्स किया और दिल्ली व कनाडा की प्रतिष्ठित कंपनियों में काम किया। हालांकि, कोविड के दौरान उन्होंने कनाडा की नौकरी छोड़ दी और भारत लौट आए। भारत लौटने के बाद अभय सिंह ने शिमला, मनाली और हरिद्वार जैसी जगहों पर घूमना शुरू कर दिया। उनके पिता करण ग्रेवाल का कहना है कि उन्होंने बेटे से आखिरी बार करीब छह महीने पहले बात की थी। तब से ही अभय ने परिवार से दूरी बना ली है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि वह घर लौट आए, लेकिन बाबा बनने के बाद उसकी वापसी अब संभव नहीं लगती।