
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इसी बीच पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है, अगर आपने हमारा पानी रोका, तो हम आपकी सांसें रोक देंगे। उनका यह बयान सार्वजनिक मंच से दिया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
भारत ने सिंधु जल संधि को किया निलंबितभारत ने यह कदम हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया है, जिसे भारत ने सीमा पार से संचालित आतंकवाद से जोड़कर देखा है। इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि के अंतर्गत पाकिस्तान को मिलने वाले जल प्रवाह को आंशिक रूप से रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारत का कहना है कि वह अपने जल संसाधनों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय नियमों के अंतर्गत कर रहा है।
पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रियाभारत के इस कदम पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया तीखी रही है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टेलीविज़न साक्षात्कार में दावा किया कि भारत पाकिस्तान में सक्रिय विद्रोही संगठनों जैसे बलोच आर्मी और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा, ये संगठन भारत के इशारे पर पाकिस्तान को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।
चीन-अफगानिस्तान-पाकिस्तान की साझा बैठकपाकिस्तान के विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने बीजिंग में आयोजित त्रिपक्षीय बैठक के बाद बताया कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर कार्य करने और अपनी भूमि का दुरुपयोग न होने देने का संकल्प लिया है। डार ने दावा किया कि पाकिस्तान 2013–2018 की तरह आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा।
असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की उपाधिइस बीच, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने एक दुर्लभ समारोह में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की उपाधि प्रदान की। यह सम्मान पाकिस्तान के इतिहास में केवल एक बार पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान को मिला था। यह उपाधि कथित ऑपरेशन बुनियान-उल-मरसोस में भारत के खिलाफ सैन्य नेतृत्व के लिए दी गई है।
मुजफ्फराबाद में शहबाज शरीफ का दावाप्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुजफ्फराबाद में एक जनसभा में कहा कि पाकिस्तान ने पारंपरिक युद्ध में भारत की श्रेष्ठता की कल्पना को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि परमाणु संपन्न दो देशों के बीच युद्ध का खतरा था, लेकिन हालात को काबू में लाया गया।