सब कुछ ठीक रहा तो भारत में नवंबर से बच्‍चों को लग सकता है कोरोना का टीका

भारत में कोरोना वैक्‍सीनेशन अभियान युद्ध स्थर पर चलाया जा रहा है। 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना की वैक्‍सीन लगा रही हैं। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि अब 18 साल से कम उम्र के किशोर-किशोरियों और बच्‍चों को भी वैक्‍सीन लगना जल्‍द शुरू हो जाएगी। दरअसल, कुछ विशेषज्ञों की ओर से भारत में तीसरी लहर में मामले ज्‍यादा तेजी से बढ़ने और बड़ी संख्‍या में बच्‍चों के इसकी चपेट में आने का अनुमान भी जताया है। जिससे लोगों के मन में बच्‍चों की सुरक्षा को लेकर एक डर पैदा हो गया है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का कहना है कि देश में भारत बायोटेक की ओर से बच्‍चों पर कोवैक्‍सीन का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। आईसीएमआर में ऑपरेशन ग्रुप फॉर कोविड टास्‍ट फोर्स हेड डॉ. एन के अरोड़ा का कहना है कि इस ट्रायल को पूरा होने में करीब चार से साढ़े चार महीने लग सकते हैं। ऐसे में उम्‍मीद जताई जा रही है कि इस ट्रायल का रिजल्‍ट अक्‍तूबर के अंत तक आ जाएगा।

डॉ अरोड़ा कहते हैं कि ट्रायल के परिणाम आने के कुछ दिनों के भीतर ही बच्‍चों के लिए वैक्‍सीनेशन की शुरूआत की जा सकती है। ऐसे में पूरी उम्‍मीद है कि इस साल के नवंबर तक दो साल से ऊपर के बच्‍चों को ये वैक्‍सीन लगना शुरू हो जाएगी। अगर इस दौरान किसी वजह से देरी होती है तो जनवरी 2022 से बच्‍चों का टीकाकरण पूरी तरह होने लगेगा।

देश में कोवैक्‍सीन और कोविशील्‍ड के अलावा भी कई वैक्‍सीन बन रही हैं। जिनका उपयोग भी इस साल के अंत तक भारत में होने की संभावना है। ऐसे में बच्‍चों के लिए लगने वाली कोवैक्‍सीन की उपलब्‍धता भी बनी रहेगी।

बच्चे कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित नहीं होंगे

एम्स निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने स्वास्थ्य मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुझे नहीं लगता भविष्य में बच्चे संक्रमण से अधिक प्रभावित होंगे। गुलेरिया ने कहा कि यहां तक कि दूसरी लहर में भी जो बच्चे संक्रमित हुए हैं उन पर संक्रमण का हल्का असर देखने को मिला है।