कोरोना वैक्सीन आने के बाद भी काफी लंबे समय तक लगाना होगा मास्क : ICMR

देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। शनिवार को यहां एक दिन में 41 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 93 लाख से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के कुल 41 हजार 810 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, 24 घंटों में 496 लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद कोरोना से मरने वालों की देश में कुल संख्या एक लाख 36 हजार 696 हो गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 42 हजार 298 लोग कोरोना संक्रमण को मात देने में सफल हुए हैं। बता दें कि अभी तक 88 लाख 02 हजार 267 लोग संक्रमण से ठीक होने में सफल हुए हैं, जिनमें से 42 हजार 298 मरीज पिछले 24 घंटों में ठीक हुए हैं।

वैक्सीन आने के बाद भी काफी लंबे वक्त तक लगाना होगा मास्क

देश में कोरोना (Corona) संक्रमण के बीच अब कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। हर किसी को उम्मीद है कि कोरोना वैक्सीन के आने के बाद सब कुछ ​पहले जैसा हो जाएगा। हालांकि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने वैक्सीन आने के बाद की स्थिति को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रमुख प्रोफेसर बलराम भार्गव ने शनिवार को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बताया कि वैक्सीन आने के बाद भी काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बनाए रखने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि टीका उपलब्ध होने के बाद भी कोविड-19 (Covid-19) के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा, जिसमें मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।

प्रोफेसर भार्गव ने बताया कि भारत में कोरोना वैक्सीन का काम तेजी से चल रहा है और बहुत जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। प्रोफेसर भार्गव ने कहा, हमने अगले साल जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद आगे की तैयारी की जाएगी।

प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि भारत केवल अपने लिए ही नहीं बल्कि विकासशील देशों के 60% लोगों के लिए भी वैक्सीन तैयार कर रहा है। भार्गव ने कहा कि देश की 24 कंपनियां और 19 फर्में कोरोना वैक्सीन विकसित करने में लगी हुई हैं।

प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि मास्क एक वैक्सीन की तरह ही काम करता है, इसीलिए वैक्सीन विकसित होने के बाद भी मास्क की जरूरत बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि मास्क उन लोगों को भी सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो कोरोना से उबर चुके हैं।

प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि मास्क कपड़े के टीके की तरह है। हम कोरोना को रोकने में मास्क की जरूरत की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं। हम दिन रात एक कर कोरोना वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं। भारत में पांच दवा कंपनियां कोरोना वैक्सीन बनाने का काम कर रही हैं, जिसमें से दो भारत द्वारा विकसित वैक्सीन बना रही हैं जबकि तीन विदेशी सहयोग से वैक्सीन तैयार कर रही हैं। लेकिन टीके कोरोना को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे। हमें स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। वैक्सीन आने के बाद भी कोविड-19 के दिशा-निर्देश बने रहेंगे और मास्क की जरूरत बनी रहेगी।