चंदा कोचर किसी जबरन दी गई छुट्टी पर नहीं हैं, पहले से प्लान थीं : आईसीआईसीआई बैंक

आईसीआईसीआई बैंक बोर्ड ने सीईओ चंदा कोचर को छुट्टी पर भेजने की मीडिया रिपोर्ट को गलत बताया है। बैंक मैनेजमेंट का कहना है कि चंदा कोचर किसी जबरन दी गई छुट्टी पर नहीं हैं बल्कि पहले से तय वार्षिक अवकाश पर गई हुई हैं जो पहले से ही तय थी। ऐसा कहा जा रहा था कि वीडियोकॉन मामले में चंदा कोचर के खिलाफ जांच पूरी होने तक उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया। बैंक की तरफ से 30 मई को नियामक में दाखिल किए गए एक जवाब में ये बात भी खारिज की गई कि उनकी तरफ से कोचर के उत्तराधिकारी को तलाशने के लिए कोई सर्च कमेटी गठित की गई है।

आईसीआईसीआई बैंक स्वतंत्र जांच कर रहा है

- बैंक ने चंदा कोचर के खिलाफ जांच शुरू की है। बोर्ड ने कहा कि जांच का दायरा विस्तृत होगा और इसमें सभी संबंधित मुद्दों को शामिल किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर फॉरेंसिक जांच और ई-मेल की पड़ताल भी की जाएगी। इस मामले से जुड़े लोगों के बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे। हालांकि इससे पहले बोर्ड ने कहा था कि उसे चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा कोचर और उनके परिवार के सदस्यों की मिलीभगत का आरोप है।

- पिछले हफ्ते सेबी ने भी आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को इस संबंध में नोटिस भेजा था।

क्या है मामला?

- चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की फर्म न्यूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत के 99.99 फीसदी मालिकाना हक वाली सुप्रीम एनर्जी की तरफ से लगाए जाने का आरोप है।
- 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए को लोन दिया गया। वीडियोकॉन ग्रुप का ये लोन एनपीए घोषित कर दिया गया।
- लोन स्वीकृत करने वाले कंसोर्टियम की कमेटी में चंदा कोचर शामिल थीं। चंदा कोचर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगा।
- वीडियोकॉन के फाउंडर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स में निवेश किया। न्यूपावर के फाउंडर चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं।