जयपुर : करंट से दस साल के बच्चे की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने निगम को दिया 5 लाख की क्षतिपूर्ति का आदेश

कुछ दिनों पहले 14 जुलाई को मानसरोवर के सेक्टर 42 के पार्क में हाईमास्ट पोल के तार की चपेट में आने से दस साल के गौरव की मृत्यु हुई थी। जबकि पार्क में रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की थी। पार्क में कई दिनों से तार खुला पड़ा रहा लेकिन किसी भी जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी ने उसे सही करवाने की जहमत तक नहीं उठाई। इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था। अब मानवाधिकार आयोग ने ग्रेटर नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह मृतक बच्चे की मां को पांच लाख रुपए क्षतिपूर्ति दे। इस राशि में से एक लाख रुपए सीएम रिलीफ फंड से स्वीकृत हो चुकी है। इसलिए निगम बाकी चार लाख रुपए का चेक मृतक की मां को आदर सहित दे।

आयोग ने कहा कि निगम को यह स्वतंत्रता है कि वह राशि जिम्मेदार अफसर या फर्म से वसूल करे। अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने यह आदेश करंट से बच्चे की मौत पर लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में दिया। आयोग ने निगम की कार्यवाहक मेयर द्वारा मृतक बच्चे के परिजनों के लिए जारी किए गए दो लाख रुपए के चेक को फाड़ने की घटना का भी जिक्र करते हुए कहा कि यदि बच्चे की मां ने चेक नहीं लिया था तो मेयर को तुरंत ऑफिस में जमा करवाना चाहिए था जबकि उन्होंने चेक फाड़ दिया। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में लोक प्रतिनिधियों से संयम बरतने की अपेक्षा की जाती है।