जाने कोरोना काल में कितनी सुरक्षित है हवाई यात्रा

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 25 मई से घरेलू उड़ानों का ऑपरेशन शुरू करने की घोषणा कर दी है। हालाकि, शुरुआत में सिर्फ एक तिहाई उड़ानों को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही सरकार न्यूनतम और अधिकतम किराया भी तय कर दिया हैं। दिल्ली, मुंबई से 90-120 मिनट की उड़ान का मिनिमम किराया 3 हजार 500 रुपए और मैक्सिमम 10 हजार रुपए होगा। यह व्यवस्था अगले तीन महीने के लिए रहेगी।

फ्लाइट के रूट को समय के आधार पर 7 कैटेग्री में बांटा गया है

1. 40 मिनट से कम की उड़ान
2. 40-60 मिनट
3. 60-90 मिनट
4. 90-120 मिनट
5. 120-150 मिनट
6. 150-180 मिनट
7. 180-210 मिनट

इसके साथ ही बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, बीमारों को हवाई सफर से बचने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही 14 साल तक के बच्चों को छोड़ बाकी सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना जरूरी होगा। फ्लाइट के टाइम से कम से कम 2 घंटे पहले एअरपोर्ट पर पहुंचना होगा। टर्मिनल के अंदर वही लोग घुस सकते हैं जिनकी फ्लाइट अगले चार घंटों में हो। एयरपोर्ट टर्मिनल में दाखिल होने से पहले सभी यात्रियों के लिए ग्‍लब्‍स और मास्‍क जैसे सुरक्षा किट पहनना अनिवार्य होगा। एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग में एंट्री से पहले ही एक तय जगह पर स्क्रीनिंग जोन से गुजरना होगा। इसके लिए थर्मल स्क्रीनिंग स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं। एंट्री गेट, स्क्रीनिंग जोन में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक-एक मीटर की दूरी पर मार्किंग की जाएगी। जूते-चप्पलों को डिसइन्फेक्ट करने के लिए एंट्रेस पर ब्लीच में भीगे मैट या कार्पेट रखे जाएंगे। हालाकि, सरकार सुरक्षा को लेकर हर तरह के कदम उठा रही है लेकिन फिर भी मन में सवाल उठता है कि कोरोना काल में हवाई यात्रा करना कितना सुरक्षित है।

दो तरीकों से हो सकते है संक्रमित

ऐसे में अगर हम कोरोना संक्रमण के तकनीकी पक्ष को देखों तो साफ होता है कि इस वायरस का संक्रमण या तो रोगी के निकट संपर्क में आने से होता है या एयरो सोल के जरिए होता है। ऐसे में कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने कुछ तैयारी की हैं।

यात्रियों के लिए वेब चेक-इन अनिवार्य

एअरपोर्ट पर निकट संपर्क या चीजों को छूने से होने वाले संक्रमण से निपटने के लिए एअरपोर्ट पर कॉन्टेक्ट लेंस प्रोसेस का पालन किया जाएगा इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों के लिए वेब चेक-इन (Web Check-In) को अनिवार्य किया है। यदि कोई मुसाफिर किन्‍हीं कारणवश वेब चेक-इन नहीं कर पाते हैं, तो उनके लिए एयरपोर्ट पर कियोस्‍क लगाए गए हैं। जिन एयरपोर्ट पर अभी तक चेक-इन कियोस्‍क नहीं हैं, वहां पर स्‍पेशल चेक-इन काउंटर बनाए जा रहे हैं। यह काउंटर पूरी तरह से कांच से कवर्ड होंगे। इन काउंटर के बाहर एक प्रिंटर लगा होगा। प्रिंटिंग के बाद बोर्डिंग पास सीधे यात्री के हाथ में आएगा।

बोर्डिंग पास में सिक्‍योरिटी स्‍टैंप अब नहीं

कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्‍यान में रखते हुए एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास पर लगने वाली सिक्‍योरिटी स्‍टैंप अब नहीं लगेगी। अब सीआईएसएफ (CISF) के अधिकारी कैमरे या रीडर की मदद से आपका बोर्डिंग पास चेक करेंगे और सुरक्षा जांच के बाद आपको सिक्‍योरिटी होल्‍ड एरिया में जाने की इजाजत दे देंगे। सीआईएसएफ के जवानों की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें PPE किट उपलब्‍ध कराई गई है। इसके अलावा एयरपोर्ट के सभी टच प्‍वाइंट पर सैनेटाइजर लगाए गए हैं, ताकि यात्री खुद को बार बार सैनेटाइज कर सकें।

एयरपोर्ट पर पैर से दबा सकेंगे लिफ्ट की बटन

एयरपोर्ट पर यात्री कम से कम चीजों को हाथ से छुए, इसका ध्यान रखते हुए लिफ्ट में भी बदलाव किए गए है। अब लिफ्ट के बटन को पैरों से दबाकर भी संचालित किया जा सकता है। पैर से संचालित होने वाली यह लिफ्ट हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैयार की गई है।

SHA में बैठने के लिए होगी विशेष व्‍यवस्‍था

सिक्‍योरिटी होल्‍ड एरिया (SHA) में मुसाफिरों के बैठने के लिए भी नए सिरे से व्‍यवस्‍था की गई है। एसएचए में मौजूद बहुत सी सीट पर नो-यूज के स्‍टीकर लगा कर यात्रियों को उनके उपयोग से रोका गया है। मंत्रालय की कोशिश है कि एयरपोर्ट पर यात्री किसी भी सूरत में एक दूसरें के नजदीक न बैठे। सभी यात्री सफर के दौरान सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करें।

टर्मिनल गेट पर यात्रियों की होगी स्‍क्रीनिंग

एयरपोर्ट टर्मिनल में प्रवेश से पहले अब सभी यात्रियों के लिए थर्मल स्‍क्रीनिंग होगी। इसके लिए टर्मिनल गेट के बाहर की तरफ एक थर्मल कैमरा लगाया गया है। इस कैमरे को टर्मिनल के गेट के भीतर की तरफ लगे सिस्‍टम से जोड़ा गया है। इस‍ सिस्‍टम की मदद से टर्मिनल के गेट पर तैनात सीआईएसएफ (CISF) के अधिकारी मुसाफिरों के शारीरिक तापमान (Body Temperature) और संभावित खतरे का पहले से अनुमान लगा सकेंगे।

बैगेज ड्रॉप के दौरान होगी सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन

बैगेज ड्रॉप के दौरान यात्रियों के बीच सोशल डिस्‍टेंसिंग रखने के लिए चेक-इन एरिया में स्‍पेशल मार्किंग की गई है। यात्रियों को मार्क किए गए स्‍थान पर ही खड़ा होना होगा। चेक-इन एरिया की तरह एयरपोर्ट पर उन सभी स्‍थानों पर मार्किंग की गई है, जहां पर लाइनें लगती हैं। आपको यह भी बता दें कि उड्डयन मंत्रालय ने हैंड बैग या केबिन बैग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। लिहाजा, यात्रा के लिए आप अब अपने साथ किसी तरह का हैंड बैग लेकर न जाएं।

हवा तीन कारणों से साफ होती है

अब सवाल उठता है कि हवा या एयरोसोल को जरिए होने वाले संक्रमण से कैसे बचा जाएगा। तो बता दे, हवाई जहाजों में लगे air-cleaning systems अपने में पर्याप्त हैं। हवाई जहाजों के अंदर की हवा तीन कारणों से काफी साफ होती है। पहली वजह ये है कि जहाजों की हर सीट पर ऊपर से नीचे की तरफ 1 मीटर प्रति सेकेंड के स्पीड से हवा आती है और हवा को जहाज की निचली सतह सोख लेती है। अगल-बगल से कोई हवा नहीं आती।

दूसरी खास बात ये है कि हवाई जहाजों के अंदर की हवा हर 2-3 मिनट में पूरी तरह से रि-साइकिल्ड हो जाती है। हाई एल्टीट्यूड पर जहाज के अंदर खींची गई हवा ठंडी, सूखी और किसी तरह के संक्रमण से मुक्त होती है और इस हवा को भी बार-बार रि-साइकिल किया जाता है।

और अंत में सबसे बड़ी बात ये कि हवाई जहाजों के अंदर की हवा को HEPA filters के जरिए साफ किया जाता है जिनकी हवा को साफ करने की क्षमता काफी ज्यादा और अच्छी मानी जाती है।

HEPA filters हवा से 99.95 -99.99 फीसदी तक पार्टिकल्स साफ कर सकते हैं जिसमें कोविद 19 (Covid-19) के वायरस पार्टिकल्स भी शामिल हैं। इन कारणों से हवाई केबिन के अंदर की हवा काफी साफ और सुरक्षित होती है।