मुंबई में देर रात मूसलाधार बारिश, कई इलाकों में भरा पानी, उत्तर भारत के लिए चेतावनी जारी, बिहार-असम में अब तक 174 मरे

एक बार फिर मायानगरी मुंबई में मंगलवार देर रात से भारी बारिश शुरू हो गई है। जिसकी वजह से कई इलाकों में पानी भर गया। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है। अगर दिन में ऐसे ही बारिश जारी रही तो लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हिंदमाता इलाके की सड़क पर समंदर जैसा नजारा देखने को मिला। वृहत मुंबई नगरपालिका कारपोरेशन (बीएमसी) ने पहले से ही कर्मचारियों को मुस्तैद कर रखा है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा बेहिसाब बारिश में खुले मैनहोल से है। ऐसे में बीएमसी ने खतरे वाली जगहों पर खास सर्तकता बरत रही है।

मुंबई के अलावा मौसम विभाग ने उत्तर भारत के दिल्ली एनसीआर समेत कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं बाढ़ से बिहार और असम में करीब सवा करोड़ लोग प्रभावित हुए है। बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 80 लाख 85 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। वही असम में कुल 33 में से 18 जिलों में 30 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। दोनों राज्यों में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां अबतक 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले बिहार में 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 104 लोगों की मौत हुई है। वहीं असम में 18 जिलों में बाढ़ ने 68 लोगों को लील लिया है। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में बाढ़ से मरने वाले 102 लोगों में सीतामढी के 27, मधुबनी के 23, अररिया के 12, शिवहर एवं दरभंगा के 10-10, पूर्णिया के 9, किशनगंज के 5, सुपौल के 3, पूर्वी चंपारण एवं मुजफ्फरपुर के 2-2 और सहरसा के एक व्यक्ति शामिल हैं। इन 12 जिलों में कुल 81 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां 76,400 लोग शरण लिए हुए हैं और उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 712 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है।

केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार की नदियां बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। भारत मौसम विभाग के अनुसार बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में बुधवार सुबह तक साधारण बारिश की संभावना जतायी गयी है।

वही उत्तराखंड के आसमान से आज पानी प्रलय बनकर गिर सकता है। भारी बारिश के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, अल्मोढ़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। उत्तरकाशी में तो देर रात से ही पानी का आसमानी प्रहार जारी है, तो बागेश्वर में बेहिसाब बारिश से नदी-नालों में उफान आ गया है। आसपास के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

हिमाचल प्रदेश में बुधवार और वीरवार को कई क्षेत्रों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी हुई है। 29 जुलाई तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। मंगलवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में सामान्य से तीन डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज हुई।

उधर, मानसून सीजन में अभी तक प्रदेश भर में सामान्य से 39 फीसदी कम बादल बरसे हैं। एक जुलाई से 23 जुलाई तक सूबे में 118 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है जबकि इस अवधि के दौरान 194 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। मानसून के सुस्त रहने के चलते बिलासपुर जिला में सामान्य से पांच फीसदी, चंबा में 69, हमीरपुर में 10, कांगड़ा में 39, किन्नौर में 69, कुल्लू में 34, लाहौल एवं स्पीति में 94, मंडी में 48, शिमला में 18, सिरमौर में 33, सोलन में 20 और ऊना में 25 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड हुई।