देश में अब 41.61% रिकवरी रेट, मौतों की दर 2.87% ; HCQ दवा की खपत को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने राज्यों को दिए ये निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश में कोरोना संक्रमण की जानकारी दी। इसके साथ ही कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल हो रही मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन (HCQ) को लेकर राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए निर्देश जारी किए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि मई में हमारी रिकवरी रेट 25.37% थी। वहीं अब यह 41.61% पहुंच गई है। मौतों की दर भी भारत में बाकी दुनिया के मुकाबले सबसे कम है। यह रेट सिर्फ 2.87% है। अग्रवाल ने यह भी बताया कि हर रोज एक लाख से ज्यादा सैंपल की जांच कर रहे हैं। देश में इस वक्त 612 लैब हैं। इनमें 430 सरकारी और 182 प्राइवेट हैं। हमने लैब और टेस्टिंग की क्षमताएं बढ़ाई हैं। कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की तुरंत टेस्टिंग और एसिम्प्टोमिक मरीजों को होम क्वारैंटाइन करने के लिए राज्यों को गाइडलाइन जारी कर चुके हैं।

इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने यहां HCQ की उपलब्‍धता और खपत को लेकर रियलटाइम अपडेट डाटा केंद्र को देने को दे। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने यह निर्देश इसलिए दिए हैं ताकि इससे आगे की रणनीति बनाने में मदद मिले और राज्‍यों व केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्‍त संख्‍या में एचसीक्‍यू उपलब्‍ध कराई जा सके।

सभी राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में शीर्ष अफसर ने कहा है, 'मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि कई राज्‍य नेशनल पोर्टल पर एचसीक्‍यू से संबंधित रियलटाइम डाटा अपडेट नहीं कर रहे हैं। मैं आपसे आग्रह करना चाहता हूं कि आप लोग एचसीक्‍यू (HCQ) की उपलब्‍धता और खपत के रियलटाइम डाटा की जानकारी लगातार देते रहें। इससे आगे रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।'

इसके साथ ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR)के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक, 'हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा खाली पेट न लें, बल्कि कुछ खाने के बाद लें। कोरोना के इलाज के दौरान एक ईसीजी भी करवा लेना चाहिए। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के फायदों को देखते हुए इसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को लेने भी इजाजत दी गई है।' भार्गव ने यह भी बताया कि कभी पुणे में एक टेस्टिंग लैब थी, अब देशभर में 430 सरकारी और 182 प्राइवेट लैब्स हैं। बीते 3 महीने में हमने कोरोना टेस्टिंग की क्षमता जबर्दस्त बढ़ाई है।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर लगाई रोक

बता दे, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) का ट्रायल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए फिलहाल रोक दिया है। इस दवा के साइड इफेक्ट्स को देखते हुए ये फैसला लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दवाई से कोरोना मरीजों को फायदा होने के बजाए ज्यादा नुकसान है। WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि स्टीयरिंग कमिटी की सप्ताहांत बैठक हुई थी। हमने तय किया कि हमें प्रोऐक्टिव होना चाहिए और इसी के तहत हमने अस्थायी तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के ट्रायल पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला ले लिया है।