केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ममता बनर्जी से कहा- हड़ताल के मुद्दे को प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं

पिछले चार दिनों से पश्चिम बंगाल में चल रही जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को आज पूरे देशभर के डॉक्टर्स का साथ मिला है। ममता सरकार से खफा डॉक्टरों ने इस्तीफों की झड़ी लगा दी है अभी तक राज्य में 150 से अधिक डॉक्टर अपना पद छोड़ चुके हैं। अभी तक दार्जिलिंग में 27, उत्तर 24 परगना में 18 और NRS कॉलेज में 100 से अधिक डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं तो वहीं कोलकाता में 80 से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफे की धमकी दी है। वही इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जूनियर डॉक्टर्स के एसोसिएशन के प्रतिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टर्स से अपील करता हूं कि वे सांकेतिक प्रदर्शन करें और काम करते रहें। साथ ही हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि वे हड़ताल के मुद्दे को प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाएं। उन्होंने डॉक्टर्स को अल्टीमेटम दिया जिससे डॉक्टर्स में गुस्सा बढ़ा और वे हड़ताल पर गए।

हर्षवर्धन ने कहा कि चिकित्सकों को बुरी तरह से पीटे जाने के बावजूद डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से केवल यही कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए और हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन ऐसा करने की जगह उन्होंने डॉक्टरों को चेतावनी और अल्टीमेटम दे दिया, जिससे देशभर के चिकित्सकों में नाराजगी फैल गई और वे हड़ताल पर चले गए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर इस तरह के गंभीर परिदृश्य में मुख्यमंत्री संवेदनशील तरीके से काम करती हैं तो देशभर में मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनायें।’’

पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर मंगलवार से ही हड़ताल पर हैं। कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत से नाराज उसके परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टरों पर हमला करके उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसके बाद से डॉक्टर हड़ताल पर हैं।

डाक्टर्स के प्रदर्शन और हड़ताल के कारण दिल्ली के एम्स, सफदरजंग समेत देश के कई हिस्सों में अस्पतालों में मरीज परेशान दिखे। AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने एक दिन का सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया। इसी वजह से आज रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी और रूटीन सेवा ठप कर दी। इसके अलावा सर पर पटी बांध कर AIIMS अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बंगाल सरकार को सात दिन का समय दिया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि गतिरोध खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य को इस पर विराम लगाना होगा और इसका हल ढूंढना होगा। पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स की हड़ताल के समर्थन में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने आज ‘अखिल भारतीय विरोध दिवस’ घोषित किया है। इसका असर देशभर में देखा गया।