हाथरस कांड / सामने आई आरोपियों की चिट्ठी, मां-भाई पर लगाया हत्या का आरोप

हाथरस के बुलगढ़ी गांव में 19 साल की दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप और उसकी मौत के मामले में गुरुवार को आरोपियों की तरफ से लिखी चिट्ठी चर्चा में आ गई है। मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर (Accused Sandeep) ने पुलिस अधीक्षक हाथरस (Hathras) को पत्र लिखकर कहा है कि मृतका के परिजनों ने ही उसे झूठे केस में फंसाया है। चिट्ठी में कहा गया है कि आरोपियों की पीड़िता के साथ दोस्ती थी। दोनों की आपस में बातचीत भी होती थी, लेकिन मौके पर पिटाई आरोपियों ने नहीं की। बल्कि पीड़िता की मां और भाई ने पिटाई की, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। चिट्ठी में चारों आरोपी संदीप, रामू, रवि और लवकुश के हस्ताक्षर और उनके अंगूठे के निशान भी हैं।

चिट्ठी में क्या लिखा?

संदीप ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी। वह मृतका से मुलाकात करता था और फोन पर बात भी करता था। लेकिन, यह बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी। घटना वाले दिन भी खेत में मुलाकात हुई थी, लेकिन उसने मुझे वहां से जाने को कह दिया, इसके बाद मैं घर चला आया। बाद में मुझे गांव वाले से पता चला कि मृतका की मां और उसके भाई ने उसके साथ मारपीट की है। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। संदीप ने अपने पत्र में खुद को और तीन अन्य लोगों को निर्दोष बताते हुए मृतका की मां और भाई पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। साथ ही न्याय की गुहार भी लगाई है।

कॉल डिटेल्स में भी फोन पर बात होने की पुष्टि

गौरतलब है इससे पहले भी न्यूज18 के हाथ लगी मृतका के भाई की कॉल डिटेल्स से पता चला है कि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच आरोपी संदीप के फोन पर बात हुई। यह बात करीब 104 बार की गई। इतना ही नहीं ज्यादातर कॉल आधी रात के बाद किए गए।

आरोपियों के परिजन बोले- जेल में सुरक्षित नहीं बच्चे

इस बीच, आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे जेल में सुरक्षित नहीं हैं। परिवारीजनों ने खतरे की आशंका जताई है। आरोपी रामू की भाभी ने कहा कि जेल में नेता मिलने जा रहे हैं। यह कहा जाता है कि जेल में सुरक्षा होती है, लेकिन उनके बच्चों को जेल में भी खतरा है। जब वे लोग यहां सब काम करवा रहे हैं तो जेल में भी करा देंगे।

हाथरस के बुलगढ़ी कांड को लेकर छिड़ी बहस के बीच अचानक आरोपियों की तरफ से लिखी चिट्ठी चर्चा में है। मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर (Accused Sandeep) ने पुलिस अधीक्षक हाथरस (Hathras) को पत्र लिखकर कहा है कि मृतका के परिजनों ने ही उसे झूठे केस में फंसाया है। पत्र में उसने लिखा है कि उसकी दोस्ती मृतका से थी और यह बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी। इतना ही नहीं 14 सितंबर के दिन वह मृतका से खेत में मिला था और उस वक्त उसके भाई और मां भी थीं, लेकिन मृतका ने मुझे तुरंत वहां से भेज दिया। इसके बाद मां और भाई ने उसकी पिटाई की।

पीड़िता के परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की

उधर हाथरस में कथित तौर पर गैंगरेप और हत्या की शिकार युवती के परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि जिला प्रशासन ने अवैध रूप से उन्हें उनके घर में कैद कर रखा है। उन्हें इस कैद से छुटकारा दिलाया जाए और घर से बाहर जाने और लोगों से मिलने की अनुमति दी जाए। इस याचिका में पीड़िता के परिवार का प्रतिनिधित्व वाल्मीकि समाज के लिए काम करने वाला एक संगठन कर रहा है। पीड़िता के पिता, पीड़िता की मां, दो भाई और दो अन्य परिजन ने यह याचिका दायर की है।

इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि 29 और 30 सितंबर को जिला प्रशासन ने याचिकाकर्ताओं को उनके घर में अवैध रूप से नजरबंद कर दिया और उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया गया। हालांकि, बाद में कुछ लोगों को उनसे मिलने की अनुमति दी गई, लेकिन अब भी जिला प्रशासन याचिकाकर्ताओं को उनकी इच्छा से अपने घर से बाहर नहीं जाने दे रहा है।