हरियाणा ने रचा इतिहास, पहली बार 918 तक पहुंची बेटियों की जन्म दर

हरियाणा में पहली बार बेटियों की जन्म दर 918 तक पहुंची है। हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि इस वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 920 के ऊपर पहुंच जायेगा। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान दी गई। डॉ गुप्ता ने उपायुक्तों के साथ विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान बताया गया कि वर्ष 2014 में 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 871, 2015 में 876, 2016 में 900, 2017-18 में 914 थी जबकि जून, 2019 तक यह संख्या 918 है। डॉ राकेश गुप्ता ने बेटियों को बचाने के लिए किए गए बेहतर प्रदर्शन के लिए पंचकूला, हिसार, यमुनानगर, नारनौल और अंबाला जिला प्रशासन की सराहना की। डॉ गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को लिंगानुपात में और अधिक सुधार लाने के निर्देश दिए। डॉ गुप्ता नें आदेश दिया कि छापामारी अभियान में तेजी लाई जाए। लिंगानुपात की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को एक टीम के रूप में ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लिंग जांच व कन्या भ्रूण हत्या में शामिल लोग किसी भी सूरत में बचने न पाएं।

इसके अलावा बैठक में पीएनडीटी, एमटीपी व पॉक्सो एक्ट तथा सीएम विंडो, सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रेकर, हरियाणा विजन जीरो, अंत्योदय सरल प्रोजेक्ट व सक्षम हरियाणा की समीक्षा की गई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएनडीटी, एमटीपी व पॉक्सो एक्ट में जहां-जहां त्रुटियां है, उन्हें दूर किया जाए और तत्परता से कार्य करें।