अमित शाह की फटकार के बाद हरियाणा BJP अध्यक्ष सुभाष बराला ने दिया इस्तीफा

हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Election) की मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा बहुमत के करीब होने के बावजूद मुश्किल में है। 90 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 39 सीटें पर बढ़त मिली है। वहीं कांग्रेस 32 सीटों पर आगे है। 10 महीने पहले गठित हुई जजपा 10 सीटों पर आगे है और राज्य में किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।

हरियाणा में भाजपा का अबकी बार 75 पार का नारा फेल हो चुका है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, जिन्हें संगठन में बड़ा ओहदा देकर जाटों को साधने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह खुद टोहना सीट पर पीछे चल रहे हैं। अमित शाह के फटकार लगाने के बाद बराला ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।

बराला ने हरियाणा में पार्टी के मन मुताबिक नतीजे नहीं आने के बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया है। बताया जाता है कि बराला ने यह कदम पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जोरदार फटकार लगाने के बाद उठाया। गौरतलब है कि हरियाणा में भाजपा ने अबकी बार 75 पार का नारा दिया था।

बता दे, 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में 68.31% वोटिंग हुई थी। यह पिछली बार के 76.13% के मुकाबले करीब 8% कम रही। हालांकि, हरियाणा में वोट प्रतिशत बदलने से कभी यह तय नहीं होता कि राज्य में कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी।1966 में हरियाणा के गठन के बाद 1967 के पहले ही चुनाव में 72.75% वोटिंग हुई और कांग्रेस सत्ता में आई। जबकि 1968 में हुए मध्यावधि चुनाव में 57.26% वोटिंग हुई, लेकिन सरकार नहीं बदली। 1977 में 64.46% वोटिंग में भी हरियाणा की जनता ने सरकार बदली और जनता पार्टी को 90 में 77 सीटें दे दीं। 1987 में 71.24 तो 1991 में 65.86% वोटिंग हुई। दोनों ही दफा सत्ता परिवर्तन हुआ। 2014 मेें हरियाणा में रिकॉर्ड 76.13% वोटिंग हुई और सरकार बदल गई।