हरदोई: BJP नेता नरेश अग्रवाल के बेटे ने मंदिर के बाहर खाने के साथ बांटी शराब की बोतलें, सामने आई तस्वीरें

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में फिर हलचल शुरू हो गई है। यूपी के हरदोई (Hardoi) में भाजपा (BJP)नेता नरेश अग्रवाल (Naresh Agarwal) के बेटे की ओर से मंदिर के एक समारोह में खाने के पैकेट्स में शराब की बोतलें रखकर बांटने का मामला सामने आया है। इस दौरान नरेश अग्रवाल खुद समारोह में मौजूद थे। लंच पैकेट में शराब की बोतल बांटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को शिकायती पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है, '6 जनवरी 2019 को मेरे संसदीय क्षेत्र (लोकसभा) हरदोई के प्राचीन धार्मिक स्थल श्रवण देवी मंदिर में बीजेपी नेता नरेश अग्रवाल द्वारा आयोजित पासी सम्मेलन के दौरान उपस्थित क्षेत्रवासियों को नाबालिग बच्चों के बीच लंच पैकट में शराब की शीशी का वितरण किया है। यह अत्यंत दुखद है कि जिस संस्कृति की हमारी पार्टी दुहाई देती है। हमारे नवआगंतुक सदस्य नरेश अग्रवाल उस संस्कृति को भूल गए हैं।

उन्होंने लिखा कि नरेश अग्रवाल द्वारा हमारे पासी समाज का उपहास करते हुए जनपद के प्रख्यात शक्तिपीठ में शराब बांटने जैसा निंदनीय कार्य किया है। यदि इस प्रकार की पार्टी विरोधी गतिविधियों को पार्टी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया तो हमारे समाज के हितार्थ चाहे सड़क पर उतरना पड़े, उनके सम्मान के साथ समझौता नहीं किया जाएगा। यदि इस प्रकरण में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही साबित होती है तो पार्टी द्वारा उनके विरुद्ध भी कठोर विभागीय कार्रवाई करने की कृपा करें।

दरअसल, रविवार (06 जनवरी) को शहर के प्राचीन श्रवण देवी मंदिर प्रांगण में पासी समाज के सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन सांसद नरेश अग्रवाल ने किया था. इस समारोह में उनके बेटे नितिन ने खाने के पैकेट्स में शराब की बोलतें रखकर वहां पहुंचे लोगों में बांटी। मामला का खुलासा तब हुआ, जब इन पैकेट्स की तस्वीरें मीडिया में आ गईं।

न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा जारी की गईं तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पूरी-सब्जी के साथ पैकेट्स में शराब की बोतल रखी है। इस मामले पर हरदोई से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने कहा, 'मैं इसके बारे में पार्टी के उच्च नेतृत्व को जानकारी दूंगा। गलती सुधारने के लिए भाजपा को दोबारा से सोचना पड़ेगा।'

बता दें, भाजपा नेता नरेश अग्रवाल मौका देखकर पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले नरेश अग्रवाल सात बार विधायक चुने जा चुके हैं। उनके बेटे भी अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 38 साल के राजनीतिक सफर में नरेश अग्रवाल चार बार पार्टियां बदल चुके हैं और एक बार अपना दल भी बनाया था। 1980 में वह पहली बार हरदोई से कांग्रेस के टिकट से विधायक चुने गए थे। 1997 में कांग्रेस के विधायकों की नई पार्टी बनाई और कल्याण सिंह को विश्वास मत हासिल करने में मदद की। वह कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के शासनकाल में ऊर्जा मंत्री रहे। साल 2002 में हवा का रुख भांपते हुए वह सपा में चले गए और विधायक का चुनाव जीता और मुलायम सिंह की सरकार में परिवहन मंत्री बन गए। साल 2007 के विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर हरदोई से विधायक चुने गए। लेकिन सरकार बन गई बहुजन समाज पार्टी की। लेकिन अग्रवाल ज्यादा दिन तक सत्ता से दूर नहीं रह पाए और बसपा में शामिल हो गए। लेकिन फिर 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा का पलड़ा भारी देखा और उन्होंने बसपा छोड़ दिया। इस बार उनके बेटा नितिन अग्रवाल भी सपा में शामिल हो गया। इस बार अग्रवाल को खूब फायदा मिला। बेटे को अखिलेश सरकार में मंत्री पद मिला तो उनको पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया। इतना ही नहीं उनको सपा का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया।