इजरायल और हमास जंग की शुरूआती दिनों से ही इजरायल ने हमास पर आरोप लगाए थे कि वह गाजा के नागरिकों का ह्यूमन शील्ड यानी मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है। युद्ध जैसे-जैसे आगे बढ़ा इजरायल अपने दावों पर जोर देता गया। इजरायली सेना ने आत्मरक्षा के अधिकार का हवाला देते हुए गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत की और इसी क्रम में अब इजरायली सेना गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा में दाखिल हो चुकी है।
सेना ने दावा किया कि हमास इस अस्पताल को मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है और अस्पताल के नीचे कई बंकर बनाए गए हैं जहां से हमास के लड़ाके इजरायल के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देते हैं। इसी दावे के सहारे इजरायली सेना ने अल-शिफा अस्पताल पर हमला किया और अब अस्पताल में घुसकर तलाशी ले रही है।
इजराइल ने दावा किया है कि उसकी सेनाओं को इस बात के सबूत मिले हैं कि हमास आतंकी गतिविधियों के लिए विस्फोटक और हथियार रखने के लिए अस्पतालों का इस्तेमाल करता है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में इजरायली रक्षा बल (IDF) ने दावा किया है कि हमास अल-शिफा अस्पताल में एमआरआई भवन का उपयोग एक परिचालन मुख्यालय के रूप में और तकनीकी उपकरणों के भंडारण के लिए भी करता है।
IDF ने अल-शिफा अस्पताल में अपना अभियान जारी रखा, जिसके बारे में उसका दावा है कि यह एक हमास कमांड सेंटर है, जो 2,000 नागरिकों के पीछे छिपा हुआ है और इसे आश्रय के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली बुलडोजरों ने अस्पताल के दक्षिणी प्रवेश द्वार के कुछ हिस्सों को नष्ट कर दिया है।
IDF द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में सैन्य प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस, कैमरापर्सन के साथ, कथित तौर पर अस्पताल परिसर के अंदर हमास के हथियारों के भंडार के ‘सबूत’ प्रदान करने के लिए अस्पताल में दाखिल हुए। वीडियो जिसे IDF असंपादित होने का दावा करता है। CCTV फुटेज में अल-शिफा अस्पताल की एमआरआई इमारत क्षतिग्रस्त दिखाया गया है।
कॉनरिकस ने अस्पताल के अंदर कहा कि बिना किसी संदेह के, हमास अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए अपने सैन्य अभियानों के लिए व्यवस्थित रूप से अस्पतालों का उपयोग करता है। इसके बाद प्रवक्ता और कैमरापर्सन एमआरआई कक्ष की ओर बढ़ते हैं जहां उन्हें सैन्य ‘ग्रैब-बैग’ मिलते हैं। कैमरे ने बैग को जूम इन किया जिसमें अन्य चीजों के अलावा एक एके-47, कारतूस और एक ग्रेनेड साफ दिखाई दे रहा था।
हमास का इनकारअलजजीरा के मुताबिक, हमास के एक अधिकारी इज़्ज़त अल-रेशिक ने इजरायल के आरोपों से इनकार किया कि उनका संगठन अस्पताल को एक मानवीय ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा था। वहीं नॉर्वेजियन डॉक्टर मैड्स गिल्बर्ट सहित अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की टीम ने कहा कि उन्हें अस्पताल में कभी भी किसी सैन्य गतिविधि के कोई संकेत नहीं मिले।
इजरायल की ओर से किए गए दावों का समर्थन अमेरिका ने भी किया है। अमेरिका ने कहा, हमारी खुफिया जानकारी के मुताबिक पता चला है कि अल-शिफा सरीखे कई अस्पतालों में हमास ने बंकर बना रखे हैं ताकि वह बंधकों को रख सके और अपने ऑपरेशन चला सकें।
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, जो हमास कर रहा है वह जंग के कानूनों का उल्लंघन है। किसी अस्पताल से ऑपरेशन को अंजाम देना ठीक नहीं है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या जंग में किसी अस्पताल पर हमला करना या अस्पताल को मानवीय ढाल की तरह इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक जायज है?
क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?जिनेवा कन्वेंशन के प्रोटोकॉल I के मुताबिक, किसी भी जंग में कोई पक्ष अगर नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करता है तो उसे युद्ध अपराध माना जाएगा। वहीं युद्धग्रस्त क्षेत्र में अस्पतालों को मानवीय कानून के तहत संरक्षित किया जाता है, लेकिन अगर अस्पताल के परिसर का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है तो यह दर्जा ख़त्म हो जाता है।
कानून के मुताबिक अगर कोई अस्पताल मानवीय ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है तो उस पर हमला करने पर कोई पक्ष युद्ध अपराध का दोषी नहीं होगा, बल्कि अस्पताल को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाला पक्ष हमले का दोषी होगा।