वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में दिखने वाली आकृति को लेकर जहां हिंदू पक्ष का दावा शिवलिंग का है, तो वहीं मुस्लिम पक्ष उसे वजूखाने का फव्वारा बता रहा है। उधर, ज्ञानवापी मस्जिद मसले पर वाराणसी की अदालत के आदेश को अवैध बताते हुए हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट न्याय करेगा और इस पर पूरी तरह से रोक लगाएगा। वाराणसी की अदालत ने परिसर के अंदर सर्वेक्षण स्थल को सील करने का आदेश दिया है, यह 1991 के एक्ट का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का ऑर्डर मुसलमानों के इंस्टिट्यूशन पर हमला है। हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद ओवैसी ने कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नहीं डरते हैं।
गुजरात के वडगाम में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा , ‘‘ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर बोलने पर लोग उनसे सवाल करते हैं। मैं बोलूंगा क्योंकि मैंने अपना ‘जमीर’ नहीं बेचा है, और न ही कभी ऐसा करूंगा। मैं बोलता हूं क्योंकि मैं केवल अल्लाह से डरता हूं, किसी मोदी या योगी से नहीं। मैं इसलिए बोलता हूं क्योंकि बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान मुझे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है।’’
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावे के बीच ओवैसी ने सोमवार को कहा कि ‘‘अब दोबारा कोई मस्जिद नहीं खोएंगे और ज्ञानवापी कयामत तक मस्जिद ही रहेगी।’’
हिंदू पक्ष सर्वे के दौरान वजू के स्थान पर शिवलिंग मिलने का दावा कर रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर वहां शिवलिंग मिला है तो उसे सुरक्षित रखें, लेकिन नमाज को रोकना सही नहीं है।
मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका सुनते हुए वाराणसी कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने साफ कर दिया कि मुस्लिम समुदाय को मस्जिद में नमाज पढ़ने से न रोका जाए। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर नोटिस जारी कर हिंदू पक्ष से जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई 19 मई को होने वाली है।