आरक्षण के लिए आंदोलन: रेलवे ट्रैक पर तंबू गाड़कर प्रदर्शन कर रहे हैं आंदोलनकारी, कई ट्रेनें रद्द, कई डायवर्ट, सड़क भी थमी

आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में एक बार फिर गुर्जरों ने अपना आंदोलन शुरू कर दिया है। सवाईमाधोपुर के मकसूदनपुरा में रेलवे ट्रैक पर गुर्जर समुदाय के लोग बैठे हुए हैं। आरक्षण को लेकर सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेलवे ट्रैक पर जमे गुर्जर समाज के आंदोलनकारियों के कारण उत्तर पश्चिमी रेलवे (NWR) की दर्जनों ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारियों के कब्जे के चलते कई ट्रेनों का मार्ग परवर्तित किया गया है। इससे रेलवे की समय सारणी गड़बड़ा गई है। गुर्जर आंदोलन की वजह से राजस्थान में 7 ट्रेनों का रूट बदला गया है, वहीं 1 को रद्द किया गया है और कई और ट्रेनें भी प्रभावित हैं। आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर तंबू गाड़कर और अलाव जलाकर बैठे हैं। हिण्डौन-करौली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन बंद है। वहीं जाम के कारण करौली-हिण्डौन मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद है। सड़क पर वाहनों की कतारें लगी हैं, यात्री परेशान हो रहे हैं।

हमारे पास अच्छे मुख्यमंत्री और अच्छे प्रधानमंत्री हैं, गुर्जर समुदाय की मांगों को सुनें

आंदोलनकारियों का कहना है कि हमारे पास अच्छे मुख्यमंत्री और अच्छे प्रधानमंत्री हैं। हम चाहते हैं कि वे गुर्जर समुदाय की मांगों को सुनें। उनके लिए आरक्षण प्रदान करना कोई कठिन कार्य नहीं है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्री पैनल आज पटरियों पर कर्नल बैंसला से मुलाकात करेगा। वे दोपहर 3 बजे के आसपास भरतपुर से हेलिकॉप्टर द्वारा आएंगे। अन्य सदस्यों में रघु शर्मा स्वास्थ्य मंत्री और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल शामिल हैं। आईएएस नीरज के पवन भी उनकी सहायता कर रहे हैं। वहीं गाड़ियों के मार्ग में किए गए परिवर्तन एवं आंशिक रद्द गाड़ियों की जानकारी के लिए जयपुर स्टेशन पर सहायता बूथ खोला गया है जिसका हेल्पलाइन नंबर 220-1043 है। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में सवाई माधोपुर से बयाना सेक्शन-निमोड़ा के बीच मलारना ब्लॉक सेक्शन के बीच 4 ट्रेनें डायवर्ट और 14 रद्द हुईं।

उल्लेखनीय है कि गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका—रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। वर्तमान में अन्य पिछडा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछडा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू किए जाने के बीच गहलोत ने कहा, 'सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है। राज्य सरकार गुर्जर नेताओं से बातचीत करने को तैयार है। कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी। मेरी उनसे शांति बनाए रखने की अपील है।'

दरअसल, गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। वर्तमान में अन्य पिछडा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछडा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है।

आपको बता दें कि साल 2008 में राजस्थान में हुए गुर्जर आंदोलन में हुई पुलिस फायरिंग के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हुई थी इस घटना को उस समय वसुंधरा सरकार की हार की बड़ी वजह माना गया था। 10 साल पहले हुए इस आंदोलन में राज्य में ट्रेनें और बसों का चक्का जाम कर दिया था और ट्रेन की पटरियों में गुर्जर समाज को लोग दिन रात बैठे रहते थे। हालांकि बाद में राज्य सरकार ने 5 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान कर दिया था लेकिन हाइकोर्ट में इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद साल 2011 में गहलोत सरकार ने एक फीसदी और वसुंधरा सरकार ने 2015 में फिर 5 फीसदी आरक्षण दिया लेकिन दोनों ही कोर्ट में खारिज कर दिए गए।