Suat News: वैक्सीन लगी नहीं, जारी हो गया वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट

गुजरात के सूरत शहर में कम से कम तीन लोगों को कोविड-19 टीका लगाए बगैर ही उन्हें वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट थमा दिया गया। मामले को लेकर जब सवाल उठे तो अधिकारियों ने इसे तकनीकी खराबी का नतीजा बता दिया। स्थानीय निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस गलती के लिए टेक्निकल फॉल्ट जिम्मेदार हैं।

पंदेसरा के रहने वाले अनूप सिंह ने बताया कि उनके पिता हरभान सिंह को कोरोना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र जारी हो गया है, जबकि उन्हें टीका लगना अभी बाकी है। सिंह ने कहा, 'पिछले बुधवार को मैंने अपने पिता के टीकाकरण के लिए 13 मार्च को बारमोली शहरी स्वास्थ्य केन्द्र से समय लिया, लेकिन हम टीका नहीं लगवा सके क्योंकि वह शहर से बाहर थे। इसके बावजूद हमें उस तारीख पर टीकाकरण का प्रमाण पत्र मिल गया है।'

स्थानीय निकाय सूत्रों ने बताया कि एक अन्य परिवार के दो लोगों को भी 13 मार्च को टीका लगना था, लेकिन उन्हें भी बिना टीकाकरण के प्रमाणपत्र मिल गया है। नगर उपायुक्त (स्वास्थ्य) डॉक्टर आशीष नायक ने बताया, 'हम आईटी विभाग से इस बारे में बात कर इसका समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार इन लोगों को टीका नहीं लगा है लेकिन उन्हें प्रमाणपत्र मिल गया है। इसका मतलब है कि कुछ तकनीकी खामी है, हम उसे ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।'

गुजरात के चार शहरों में नाईट कर्फ्यू

गुजरात में कोरोना मामलों में एक बार फिर से उछाल आया है। मामले बढ़ने से राज्य सरकार चिंता मैं है, ऐसे में अब सरकार ने मंगलवार को राज्य के चार प्रमुख शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया है। यह नाइट कर्फ्यू 17 मार्च से 31 मार्च तक अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा। हालांकि इन शहरों में नाइट कर्फ्यू पहले रात में 12 बजे से लागू था। गुजरात सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। यह प्रतिबंध 31 मार्च तक लागू रहेगा। बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए अहमदाबाद नगर निगम ने शहर के आठ वार्डों में भोजनालयों, रेस्तरां और मॉल को रात 10 बजे तक हर हाल में बंद करने के निर्देश जारी किए थे।