अरुण जेटली ने कहा- जीएसटी प्रणाली में आ चुकी है स्थिरता, दरों में और बदलाव का संकेत

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) प्रणाली बहुत ही छोटे समय में स्थिर हो गई है जिससे इसके आधार के विस्तार और भविष्य में दरों को और युक्तिसंगत बनाए जाने की गुंजाइश बनी है। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जीएसटी से देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आमूल चूल बदलाव आया है। वित्त मंत्री ने कहा कहा कि कई दूसरे देशों की तुलना में भारत में जीएसटी प्रणाली बहुत ही कम समय में ही स्थिर हो गई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जेटली ने कहा, 'इससे हमारे पास मौका है कि हम आने वाले समय में इसके (जीएसटी) आधार को बढ़ाएं और ढांचे को और अधिक युक्तिसंगत बनाएं। इस समय जीएसटी प्रणाली में टैक्स की चार स्तर की करें लागू हैं। ये दरें पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की है।'

नवंबर की बैठक में जीएसटी काउंसिल ने 28 प्रतिशत की उच्चतम सीमा के तहत केवल अहितकर और विलासिता की चीजों को ही रखने का निर्णय लिया था। उसी बैठक में 200 से अधिक प्रकार की वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम कर दी गईं। इनमें 178 प्रकार की वस्तुओं को उच्चतम कर श्रेणी से निकाल कर 18 प्रतिशत और 13 प्रकार की वस्तुओं को 18 प्रितशत की जगह 12 प्रतिशत के दायरे में ला दिया था।

इसके अलावा कुछ चीजें 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत और छह चीजें 18 की जगह 5 प्रतितशत के दायरे में लाई गईं। इसके बाद नवंबर में जीएसटी की वसूली गिर कर 80,808 करोड़ रुपये पर आ गई, लेकिन दिसंबर में वसूली बढ़ कर 86,703 करोड़ रुपये रही। अक्टूबर में वसूली 83,000 करोड़ रुपये और सितंबर में वसूली 92,150 करोड़ रुपये थी।