पुरानी गोल्ड ज्वैलरी बेचने पर अब कम होगा मुनाफा, सरकार बदल सकती है ये नियम

सरकार अब पुराने सोने या गोल्ड ज्वैलरी को बेचने पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) वसूलने की तैयारी कर रही है। सोने या गोल्ड ज्वैलरी को बेचने पर भी 3% का वस्तु एवं सेवा कर (GST) चुकाना पड़ सकता है। आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने यह जानकारी दी है। थॉमस इसाक ने बताया कि हाल ही में राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन फीसदी का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस मंत्री समूह में केरल, बिहार, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री शामिल हैं। इस मंत्री समूह का गठन सोने और बहुमूल्य रत्नों के परिवहन के लिए ई-वे बिल के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए किया गया था। मंत्री समूह की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई। इसाक ने बताया, 'यह तय किया गया है कि पुराने सोने की बिक्री पर 3% का जीएसटी आरसीएम (रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म) के द्वारा लगाया जाए। अब कमिटी के अधिकारी इसके तौर-तरीकों पर विचार करेंगे।'

ई-वे बिल अनिवार्य

जीओएम ने यह भी फैसला किया है कि सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा। यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा सकता है। अभी भी छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में कई जगह सोने की बिक्री के बाद दुकानदार कच्चा बिल देते हैं। यह पूरी प्रक्रिया कर चोरी रोकने और काला धन खपाने के लिए होती है। अब इस पर रोक लगाने के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य करने की तैयारी है। ई-वे बिल के तहत सोने को लाने की तैयारी टैक्स चोरी की बढ़ती घटना को देखते हुए किया गया है। जीएसटी लागू होने के बाद सोने से मिलने वाले राजस्व में कमी आई है। इसके चलते यह तैयारी की जा रही है।

इस तरह वसूला जा सकता है टैक्स

यानी नई व्यवस्था लागू होने के बाद अगर कोई ज्वैलर पुराने आभूषण आपसे खरीदता है तो वह रिवर्स शुल्क के रूप में 3% जीएसटी आपसे वसूल करेगा। आप एक लाख रुपये की पुराने आभूषण बेचते हैं तो जीएसटी (GST) के रूप में 3000 रुपये काट लिए जाएंगे। वहीं अगर कोई ज्वैलर्स बिना जीएसटी के सोने के गहने खरीदता है तो उसे सजा भी हो सकती है।

आपको बता दे, कोरोना संकट के कारण सोने की कीमत में असमान उछाल आने से सर्राफा कारोबारी परेशान हैं। बाजार में सोने की ट्रेडिंग तो हो रही है लेकिन दुकान पर ग्राहक नदारद हैं। कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन में ढील के बावजूद सामान्य दिनों के मुकाबले सिर्फ 20 से 25% कारोबार हो रहा है। आने वाले त्योहारी सीजन में भी दुकान पर मांग बढ़ने की उम्मीद नहीं है। इसको देखते हुए रत्न-आभूषण संगठन ने सरकार से 900 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।