सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी, कहा - वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद ही ट्रैवल करें, 32% लोग अब भी कोरोना से सुरक्षित नहीं

देश के आधे से अधिक लोग कोरोना से लड़ने में सक्षम हो चुके हैं। मंगलवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने हाल ही में हुए चौथे सीरो सर्वे के हवाले से कहा कि करीब 67.6% भारतीयों ने SARS-COV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली है। इसका मतलब है कि आधे से अधिक भारतीय कोरोना से लड़ने में सक्षम हो चुके हैं। देश की 40 करोड़ आबादी को अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा है।

ऐसे में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने यात्रा को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि बिना फुल वैक्सीनेशन के यात्रा से बचने की जरूरत है। मंत्रालय ने गाइडलाइन में जो 7 प्रमुख बातें कही हैं। वे है...

- चौथे सीरो-सर्वे में कोरोना के खिलाफ आशा की किरण दिखी है, लेकिन अभी किसी तरह की ढिलाई नहीं दी जा सकती है। करीब 32% लोग अब भी कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं।

- सरकार ने कहा कि लोकल या जिला स्तर पर हालात अलग हो सकते हैं। सीरो-सर्वे में देश की स्थिति पर ओवरऑल नजर डाली गई है।

- राज्यों को स्थानीय सीरो-सर्वे जारी रखना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोविड के खिलाफ कितनी प्रतिशत आबादी सुरक्षित है।

- मंत्रालय ने कहा कि भविष्य में संक्रमण की लहरें आ सकती हैं। दरअसल, कुछ राज्यों में कोरोना के खिलाफ हाई लेवल पर इम्यूनिटी मिली है, जबकि कहीं पर यह बहुत नीचे है।

- जुलाई के पहले हफ्ते से कई राज्यों ने पाबंदियों में ढील देनी शुरू की है। इससे टूरिस्ट स्पॉट और मार्केट में भीड़ उमड़ रही है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की जरूरत है।

- कई राज्यों ने सभाओं के लिए पाबंदियों में ढील दी है, लेकिन अभी इससे बचने की जरूरत है।

- सरकार ने कहा कि वैक्सीन की दोनों डोज लेके बाद ही यात्रा करें।

सीरो-सर्वे की मुख्य बातें

- 6-9 साल के 57.2% और 10-17 साल के 61.6% बच्चों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली।

- 18-44 साल के 66.7%, 45-60 साल के 77.6%, 60 साल से ऊपर के 76.7% लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली।

- 69.2% महिलाओं और 65.8% पुरुषों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली।

- शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6% और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7% में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली

टीचर्स और स्टाफ हों वैक्सीनेटेड

डॉ भार्गव ने कहा, बच्चे बड़े लोगों की तुलना में संक्रमण को ज्यादा अच्छी तरह से झेल सकते हैं। 6-9 साल के बच्चों में एंटीबॉडी एडल्ट के बराबर है। खासकर यंग बच्चों में एंटीबॉडी एक्सपोजर एडल्ट की तरह ही देखा गया है। कुछ देशों में प्राथमिक विद्यालयों को कभी नहीं बंद किया गया। ऐसे में अगर स्कूल खोलना है तो प्राथमिक विद्यालयों को सबसे पहले खोला जाना चाहिए।

भार्गव ने कहा, प्राथमिक के बाद सेकेंडरी स्कूल खोला जाना चाहिए। लेकिन सभी सपोर्ट स्टाफ का वैक्सीनेशन होना जरूरी है। जहां तक स्कूल खोलने की बात है तो इसे खोला जा सकता है लेकिन कई तरह के पैमाने को ध्यान में रखकर।