जेल की हवा खा चुके है गोपाल कांडा, जाने कौन थी गीतिका शर्मा जिससे जुड़ा है ये पूरा मामला

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आ गए और मौजूदा बीजेपी सरकार को फिर से सत्ता में आने के लिए 6 सीटों की दरकार है। जिसके लिए जोड़तोड़ भी शुरू हो गया। इस बीच हरियाणा लोकहित पार्टी के संस्थापक और विधायक गोपाल कांडा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन का एलान किया है। हालाकि गोपाल कांडा के समर्थन की खबरों के साथ ही बीजेपी के भीतर ही विरोधी सुर उठने लगे हैं। इसे लेकर भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारत की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने पार्टी को नसीहत देते हुए कई ट्वीट किए हैं। उमा भारती ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि मुझे जानकारी मिली है कि गोपाल कांडा नाम के एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी हमें मिल सकता है। उन्होंने कहा अगर गोपाल कांडा वही व्यक्ति है जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या की थी तथा उसकी माँ ने भी न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी, मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, तथा यह व्यक्ति ज़मानत पर बाहर है। गोपाल कांडा बेकसूर है या अपराधी, यह तो कानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा। लेकिन उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता।

बता दे, उमा भारती जिस लड़की की बात कर रही है वह गीतिका शर्मा है। साल 1998 के करीब खराब रेडियो रिपेयर कर कुछ सौ रुपए महीना कमाने वाले कांडा जूता बेचते-बेचते रियल एस्टेस के बड़े कारोबारी बन गए जिसके बाद उन्होंने एविएशन सेक्टर में भी हाथ आजमाने की सोची। यहीं से उनके जीवन में गीतिका शर्मा की एंट्री हुई जिसके बाद कांडा ने अपनी एयरलाइंस कंपनी खोल ली। साल 2008 में गोपाल कांडा ने गुड़गांव से MDLR एयरलाइंस की शुरुआत की, यह वही एयरलाइंस है जिसमें गीतिका शर्मा एयर होस्टेस थीं। इसका नाम उन्होंने अपने पिता के नाम 'मुरलीधर लेखा राम' (MDLR) के नाम पर रखा था। हालांकि उनके विवादों में फंसने के बाद साल 2009 में एयरलाइंस का कामकाज बंद हो गया।

MDLR की सेवा बंद हो चुकी थी पर कंपनी चल रही थी। इसके साथ करीब 40 दूसरी कंपनियां भी चल रही थीं। पैसा और पॉवर अपने साथ गंदगी भी लेकर आई। कांडा ने अपनी कंपनियों में लड़कियों को भर्ती करना शुरू कर दिया। छोटी उम्र में ही लड़कियों को बड़े-बड़े पद बांट दिए। इन्हीं में से एक लड़की थी दिल्ली की गीतिका।

गीतिका शर्मा पर गोपाल कांडा कुछ ज्यादा ही मेहरबान थे और महज तीन साल के अंदर वो ट्रेनी से कंपनी की डायरेक्टर की कुर्सी तक पहुंच गई। मेहरबानियां बरसती रहीं और गीतिका तरक्की करती गई। लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ कि गीतिका, कांडा और उनकी कंपनी दोनों से दूर चली गई। उन्होंने दुबई में नौकरी कर ली पर कांडा ने उन्हें दिल्ली वापस आने पर मजबूर कर दिया। दिल्ली आने के बाद भी कांडा ने गीतिका का पीछा नहीं छोड़ा। आरोप है कि कांडा से तंग आकर गीतिका ने 05 अगस्त 2012 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि कांडा की प्रताड़ना की वजह से वह आत्महत्या कर रही हैं। इस मामले में कांडा गिरफ्तार हुए। गीतिका शर्मा के आत्महत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने गोपाला कांडा के खिलाफ चार्जशीट में आईपीसी की धारा 376, 377 (रेप के लिए दबाव डालना) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। इसके अलावा उन पर आईपीसी की सेक्शन 120 बी (आपराधिक षडयंत्र), 201 (सबूत मिटाने की कोशिश), 466 (दस्तावेजों के साथ फर्जीवाड़ा), 468 (ठगने के लिए फर्जीवाड़ा करना) और 469 (किसी के इज्जत को दागदार करने के लिए फर्जीवाड़ा) के तहत भी पुलिस ने मामला दर्ज किया था। गोपाल कांडा को एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा के आत्महत्या करने के मामले में जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा और साल 2012 में उन्हें हुड्डा सरकार में अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन जैसे ही कांडा जेल से बाहर आए उन्होंने हरियाणा लोकहित पार्टी की स्थापना की और इस बार विधानसभा चुनाव जीत गए।