झारखंड के गढ़वा से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां विशेष समुदाय के युवक ने एक दलित लड़की का अपहरण कर उसके साथ तीन दिनों तक दुष्कर्म किया। रेप की घटना को अंजाम देने के बाद लड़की को डरा धमका कर छोड़ दिया गया। जैसे ही यह मामला सामने आया क्षेत्र में तनाव का माहौल है। आरोपी इरशाद खान के खिलाफ थाने में नामजद केस दर्ज कराया गया है। पुलिस ने पीड़िता के आवेदन पर केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।
घटना के संबंध में पीड़िता ने जो शिकायत दर्ज करायी है उसके अनुसार, विगत 6 सितंबर को उसका अपहरण किया गया था। उसने बताया, शाम 7 बजे वह शौच करने गई थी इसी दौरान इरशाद और उसका एक अन्य साथी मुंह बांधे हुए आया और उसका मुंह दबाकर उसे मोटरसाइकिल में बैठाकर कहीं ले गया। रास्ते में ही उन्होंने मुंह पर एक कपड़ा रखा जिसके बाद वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो किसी घर के एक कमरे में बंद पाया। उसके बाद इरशाद ने परिवार के लोगों को जान से मारने और बंदूक का भय दिखाकर कई बार दुष्कर्म किया।
पीड़िता के अनुसार, जब उसने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट भी की गई। अपहरण के दो दिन बाद उसे बताया गया कि उसकी मां से बात हो गई है और तुमको मेरे आदमी मझिआंव छोड़ देंगे। अगर इस बारे में तुम या तुम्हारे घरवालों ने पुलिस को कुछ बताया तो तुम्हें और तुम्हारी मां को जान से मार देंगे। इसके बाद उसे 9 सितंबर को लाल रंग की कार में लाकर बकोइया-मझिआंव सीमा पर लाकर छोड़ दिया। वहां उसकी मां पहले से मौजूद थी क्योंकि उसकी मां को अपहरणकर्ताओं ने फोन कर वहां बुलाया था।पीड़िता ने थाने में दिए गए आवेदन में आगे लिखा, वहां उतारने के बाद वह अपनी मां के साथ नानी के घर चली गई और परिवार के लोगों को घटना की जानकारी दी। डर के कारण वह शिकायत दर्ज नहीं करवा रही थी, लेकिन परिजनों के कहने पर वह थाना में शिकायत दर्ज करवायी। पीड़िता ने बताया कि कार में मौजूद लोगों के पास बंदूक भी थी।