कचरे का ढेर बनता जा रहा जयपुर ग्रेटर, बंद पड़ा हैं डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम

राजधानी जयपुर में अगले महीने से स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 अभियान शुरू होने जा रहा हैं जिसको लेकर महापौर सौम्या गुर्जर ने आज सुबह नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल से स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के जागरूकता का पोस्टर विमोचन करवाया। वहीँ इसके उलट जयपुर ग्रेटर में डोर टू डोर कचरा उठाने वाली कंपनी बीवीजी ने काम करना बंद कर दिया। कंपनी के इस निर्णय से जयपुर शहर में सफाई की स्थिति बिगड़ गई और जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर के 150 वार्डो में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने और ओपन डिपो से कचरा उठाने का जिम्मा प्राइवेट कंपनी बीवीजी को दे रखा है।

कंपनी के काम बंद होने से प्रताप नगर, सांगानेर, जगतपुरा, मालवीय नगर, जवाहर नगर, राजापार्क, 22 गोदाम के अलावा विद्याधर नगर, मुरलीपुरा, झोटवाड़ा, वैशाली नगर समेत कई जगह कचरे उठाने वाली गाड़ियां नहीं आई। नगर निगम के स्वास्थ्य उपायुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि 3 महीने से कंपनी को भुगतान नहीं हुआ है, जिसके कारण कंपनी ने काम करने से मना कर दिया। ऐसे में हमने शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नगर निगम के संसाधन लगाए है, ताकि शहर से कचरा उठाया जा सके।

कंपनी के काम बंद करने के बाद आज जयपुर शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए सुबह हूपर (कचरा उठाने वाली गाड़ियां) भी नहीं आए। वहीं बाजारों में भी हूपर और अन्य संसाधन नहीं होने के कारण बाजारों से निकला कचरा ओपन डिपो से नहीं उठा। दोपहर तक जयपुर शहर में 22 गोदाम, राजापार्क, जवाहर नगर, मालवीय नगर जैसे पॉश एरिया में ओपन डिपो कचरे से भरे दिखे। महापौर सौम्या गुर्जर शहर ने आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में जयपुर को टॉप पर लाने की बात कही है, ऐसे में कंपनी के इस कदम से शहर टॉप में आना तो दूर पिछले साल की तुलना में रैंकिंग बिगड़ और सकती है।