निर्भया केस: दोषियों को आज तिहाड़ की जेल नंबर-3 में भेजा जाएगा, एक और दोषी ने दाखिल की क्यूरेटिव पिटीशन

निर्भया के चारों दोषियों को मौत की सजा के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट जारी कर दिया गया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे एक साथ तिहाड़ की जेल नंबर-3 में फांसी पर लटकाया जाएगा। चारों दोषियों को डेथ वॉरंट मिलने के बाद आज को तिहाड़ की जेल नंबर तीन में ट्रांसफर किया जा सकता है जहां उन्हें फांसी दी जाएगी। तिहाड़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। फिलहाल तीन दोषियों को जेल नंबर दो में और एक को जेल नंबर चार में रखा गया है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने उत्तर प्रदेश जेल के अधिकारियों को पत्र लिखकर दो जल्लादों की बुलाया था ताकि 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार व हत्या मामले के चार दोषियों को एक साथ फांसी दी जा सके।

अदालत की ओर से मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि चारों दोषियों को 22 जनवरी को 7 सात बजे फांसी दी जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जेल अधिकारियों को पत्र लिखा है और उपलब्धता के आधार पर दो जल्लादों की सेवा मांगी है। यूपी के जेल विभाग की ओर से तिहाड़ में जल्लाद भेजे जाने के लिए हामी भर दी गई है। तिहाड़ जेल ने यूपी से दो जल्लाद मांगे हैं। कानपुर में रहने वाला जल्लाद बूढ़ा हो गया है, इसलिए उम्मीद है कि मेरठ वाला जल्लाद ही इन चारों को फांसी पर लटकाएगा। आधिकारिक तौर पर देश में दो ही जीवित जल्लाद हैं। दोनों यूपी के ही रहनेवाले हैं। इनमें से एक मेरठ निवासी पवन कुमार हैं, जो निर्भया के गुनाहगारों को फांसी पर लटकाएंगे। दूसरे का नाम इलियास उर्फ अली है, जो लखनऊ के रहने वाले हैं। इन दोनों के अलावा फिलहाल देश में कोई भी पेशेवर जल्लाद नहीं है। इससे पहले देश में जितनी भी फांसी हुईं वो पवन के दादा कालू जल्लाद, पिता मामू जल्लाद, पंजाब के फकीरा जल्लाद या फिर कोलकाता के नाटा जल्लाद ने दीं। इनमें से अब कोई भी जिंदा नहीं है। पवन के परिवार में चार पीढ़ियों से जल्लाद का काम होता आ रहा है। जल्लाद की पारिवारिक विरासत को निभाने वाले पवन परिवार की चौथी पीढ़ी हैं।

फांसी के खिलाफ निर्भया का एक और दोषी पहुंचा SC

उधर, निर्भया गैंगरेप के दोषी विनय कुमार शर्मा के बाद अब एक और दोषी मुकेश सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया है। मुकेश सिंह के वकील ने गुरुवार शाम को याचिका दायर की। इससे पहले विनय ने गुरुवार को ही दिन में क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया था। बता दे, क्यूरेटिव पिटिशन में मुजरिम जजमेंट के तकनीकी पहलुओं की ओर ध्यान दिलाता है और सवाल उठाता है कि जजमेंट में कहा सुधार की जरूरत है। लेकिन इसके लिए सीनियर एडवोकेट की सिफारिश की जरूरत होती है। सीनियर वकील की सिफारिश के बिना क्यूरेटिव दाखिल नहीं हो सकती। क्यूरेटिव पिटिशन पर चैंबर में सुनवाई होती है। सुप्रीम कोर्ट अगर क्यूरेटिव पिटिशन को भी खारिज कर दे फिर दया याचिका दायर किए जाने का प्रावधान है। जेल अधिकारियों का कहना है कि 22 जनवरी की सुबह इन्हें फांसी पर लटकाया जाएगा। इससे पहले अगर यह क्यूरेटिव या फिर राष्ट्रपति के नाम दया याचिका देते हैं, तो उस वक्त तक इनकी फांसी विचाराधीन रखी जाएगी। जब तक की इनके बारे में अंतिम फैसला नहीं हो जाता। लेकिन अब उस स्थिति में अगर इनकी दया याचिका खारिज होती है, तो 14 दिन का समय और दिया जाना शायद मुश्किल हो। क्योंकि, इससे पहले इन्हें नोटिस देकर समय दिया जा चुका है और फिर मंगलवार को डेथ वॉरंट जारी होने के बाद भी इन्हें 14 दिन का पर्याप्त समय दिया जा रहा है।