पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है। वे पिछले करीब दो महीने से एम्स में भर्ती थे और बीते तीन दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर चल रहे थे। बुधवार सवेरे से ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। एम्स के अनुभवी डॉक्टर लगातार उनकी देखरेख में लगे हुए थे। इसी बीच कल दोपहर बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी समेत देश के तमाम नेता उनका हाल जानने के लिए एम्स पहुंचे।
जैसी ही अटलजी की तबीयत बिगड़ने की खबर मीडिया पर फैली देश भर में उनके चाहने वाले और प्रशंसकों ने उनके स्वस्थ व दीर्घायु होने की कामना शुरू कर दी थी।
इससे पहले उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय मंत्रियों सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह के एम्स पहुंचने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के 93 वर्षीय नेता के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
वहीं राजस्थान और मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों की सरकारों ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं।
अस्पताल ने कल रात एक बयान में कहा, ‘‘ दुर्भाग्यवश, उनकी हालत बिगड़ गई है। उनकी हालत गंभीर है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।’’ भारतीय जनता पार्टी के 93 वर्षीय दिग्गज नेता को गुर्दे में संक्रमण, मूत्र नली में संक्रमण, पेशाब की मात्रा कम होने और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती कराया गया था।
आज एम्स पहुंचने वालों में केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान, राधा मोहन सिंह और जगत प्रकाश नड्डा भी शामिल हैं। इनके अलावा नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी एम्स पहुंचे।
1990 के दशक में वाजपेयी सरकार के दौरान उनका बखूबी साथ देने वाले साथ लाल कृष्ण आडवाणी भी अस्पताल पहुंचे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित अन्य मुख्यमंत्रियों के भी दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
पहली बार 1996 में बने प्रधानमंत्रीअटल बिहारी वाजपेयी पहली बार देश के प्रधानमंत्री मई 1996 में बने। हालांकि इस दौरान उनकी सरकार महज 13 दिन में ही अल्पमत मे आ गई और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
दूसरी बार बने पीएमएनडीए के नेता के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 1998-99 में दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए ने सदन में अपना बहुमत साबित किया और इस तरह से बीजेपी ने एक बार फिर देश में सरकार बनाई।
तीसरी बार का कार्यकालअटल बिहारी वाजपेयी 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके इस कार्यकाल में देश ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। साल 2004 में आम चुनाव में बीजेपी की हार के बाद उन्होंने गिरती सेहत के चलते राजनीति से संन्यास ले लिया था।
2015 में मिला भारत रत्नअटल बिहारी वाजपेयी को वर्ष 2015 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न ने नवाजा। इस सम्मान से पहले भी वाजपेयी जी को पदम विभूषण से लेकर कई अन्य सम्मान प्राप्त हुए।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी के कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे। भारतीय जनसंघ की स्थापना में भी उनकी अहम भूमिका रही। वे 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। आजीवन राजनीति में सक्रिय रहे अटल बिहारी वाजपेयी लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन भी करते रहे। वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित प्रचारक रहे और इसी निष्ठा के कारण उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया था। सर्वोच्च पद पर पहुंचने तक उन्होंने अपने संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया।