काफी सख्त मिजाज के माने जाने वाले महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस प्रमुख हिमांशु राय ने खुदकुशी कर ली है। उन्होंने शुक्रवार की दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर खुद को गोली मार ली है। हिमांशु ने घर में ही आत्महत्या की है। वह मुंबई पुलिस में ज्वाइंट कमिश्नर रह चुके हैं। बेहद सख्त अफसर के तौर पर पहचान रखने वाले रॉय लंबे समय से ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार सुबह उन्होंने अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर जान दे दी। हिमांशु रॉय 1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर थे और उनके पास एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की भी जिम्मेदारी थी।
2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन्होंने विंदु दारा सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, हिमांशु रॉय ने दाउद के भाई इकबाल कासकर के चालक आरिफ की गोलीबारी, पत्रकार जेडे मर्डर केस, लैला खान डबल मर्डर केस और विजय पलंडे जैसे महत्वपूर्ण केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी।
हिमांशु रॉय 2016 से ही छुट्टी पर चल रहे थे। हिमांशु रॉय को गोली लगने के बाद परिजन उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक रॉय ने अपने मुंह पर रिवॉल्वर रखकर गोली मारी थी, जिसके चलते उन्हें बचाना बेहद मुश्किल हो गया था।
वह 2012 - 2014 के दौरान संयुक्त पुलिस आयुक्त ( अपराध ) थे। उन्होंने आईपीएल सट्टेबाजी कांड की जांच का नेतृत्व भी किया था। इसके बाद उनका तबादला एटीएस में हो गया। आतंकवाद रोधी दस्ते का प्रमुख रहने के दौरान उन्होंने बांद्रा कुर्ला इलाके में एक अमेरिकी स्कूल को विस्फोट कर उड़ाने की कथित साजिश रचने को लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को गिरफ्तार किया था।
एक सख्त अफसर के तौर पर पहचान रखने वाले रॉय के इस तरह से आत्महत्या करने के मामले ने सबको चौंका दिया है। फिलहाल उनके शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि बीमारी के चलते वह लगातार डिप्रेशन में चल रहे थे। वह अपनी फिटनेस पर खासा ध्यान देते थे।