नहीं रहे हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह, PM मोदी ने जताया शोक

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का गुरुवार को 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने सुबह 3:40 बजे शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) अस्पताल में आखिरी सांस ली। कोरोना संक्रमित होने के बाद वीरभद्र सिंह को 13 अप्रैल को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था और ठीक होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी लेकिन, कोरोना होने के बाद से ही उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ने लगा था। वीरभद्र सिंह को दो बार कोरोना हुआ। पहली बार 12 अप्रैल और दूसरी बार 11 जून को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

वीरभद्र सिंह की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, वीरभद्र सिंह का लंबा राजनीतिक जीवन था, उनके पास समृद्ध प्रशासनिक और विधायी अनुभव था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राज्य के लोगों की सेवा की। पीएम ने कहा कि वह उनके निधन से दुखी हैं। साथ ही उन्होंने उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना जताई।

वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को हुआ। उनके पिता पदम सिंह बुशहर रियासत के राजा थे। वीरभद्र सिंह 1962 में पहली बार महासू सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद वे 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी लोकसभा के लिए चुने गए। वीरभद्र पहले रोहड़ू सीट से विधानसभा चुनाव लड़ते थे। बाद में रोहड़ू सीट आरक्षित हुई तो उन्होंने 2012 में शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा। 2017 में उन्होंने यह सीट बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए छोड़ दी और खुद अर्की से चुनाव लड़े। अभी वे अर्की सीट से विधायक थे।

6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने

वीरभद्र सिंह ने 1983 से 1985 तक पहली बार, 1985 से 1990 तक दूसरी बार, 1993 से 1998 तक तीसरी बार, 1998 में कुछ दिन के लिए चौथी बार, 2003 से 2007 तक पांचवीं बार और 2012 से 2017 तक छठी बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।