भाजपा की हार पर पूर्व CM अशोक गहलोत ने कसा तंज, कम नहीं हुई हमारी ताकत

श्री गंगानगर। करणपुर विधानसभा स्थगित चुनाव 2023 में बीजेपी व पीएम मोदी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह कुन्नर ने 12570 वोटों से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है। बीजेपी ने चुनावों से पहले ही सुरेंद्रपाल सिंह को राज्यमंत्री घोषित कर दिया था। जिन्हे हार का सामना करना पड़ा है।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा, जनता समझ गई है कि सरकार बनने के बाद भी हमारी ताकत कम नहीं हुई, इसका फायदा हमें लोकसभा चुनाव में मिलेगा। राजस्थान में सरकार इनकी बनी लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में इन्हें(BJP) देरी हुई, यह कोई सरकार चलाने के तौर तरीके हैं? जनता पर पहले ही इनका प्रभाव खराब पड़ा है ऐसे में इसका फायदा हमें होगा।

अशोक गहलोत ने श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कहा यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है।श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है। चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है।

आपको बता दे की राजस्थान के श्री गंगानगर में 72.40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के चलते 25 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में यहां मतदान नहीं हुआ था।

सुरेंद्र पाल टीटी ने आज से ठीक 10 दिन पहले 30 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ ली थी। तब सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था। उन्होंने जयपुर स्थित राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।

मंत्री बनने के बाद सुरेंद्र पाल सिंह अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त थे। उन्होंने कहा था कि श्रीकरणपुर के मतदाता बहुत समझदार हैं, मैं चुनाव जरूर जीतूंगा। साथ ही कहा था कि पार्टी ने मेरे माध्यम से सिख समाज को सम्मानित किया है। भाजपा सभी 36 कौमों को साथ लेकर चलती है। इसमें हमारा समाज भी है।

कांग्रेस ने टीटी के शपथ पर जताई थी आपत्ति

इससे पहले राज्य में कुल 199 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा ने 115 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने 69 सीटें जीती थीं। भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो सुरेंद्र पाल सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति भी जताई थी। कांग्रेस का कहना था कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। उम्मीदवार के हार-जीत के नतीजे से पहले ही मंत्री पद की शपथ दिलाना गैर कानूनी है।

भजन लाल ने 15 दिसंबर को शपथ ली थी

नियमों के मुताबिक, मंत्री बनने के बाद से सुरेंद्र पाल सिंह के पास विधायक चुने जाने के लिए छह महीने का समय है। 15 दिसंबर को भाजपा के भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नवनिर्वाचित विधायक दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।