पूर्व अग्निवीरों को CISF, BSF, SSB में 10% आरक्षण और आयु में छूट मिलेगी: गृह मंत्रालय

नई दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को पूर्व अग्निवीरों को अपने रैंक में शामिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव की घोषणा की। गृह मंत्रालय ने कहा कि अग्निवीरों द्वारा अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान प्राप्त अनुभव और प्रशिक्षण उन्हें बल के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाता है। बीएसएफ के महानिदेशक द्वारा घोषित इस निर्णय में इन पूर्व सैनिकों के लिए 10% आरक्षण और आयु में छूट शामिल है।

गृह मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन का अनुसरण करता है। गृह मंत्रालय ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य बीएसएफ को मजबूत करना है।

एक अन्य ट्वीट में गृह मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) पूर्व अग्निवीरों को नियुक्त करने के लिए तैयार है। महानिदेशक ने कहा कि इन व्यक्तियों को कांस्टेबल पदों के लिए 10% आरक्षण मिलेगा, साथ ही आयु और शारीरिक दक्षता परीक्षण में छूट भी मिलेगी।

इसके अतिरिक्त, गृह मंत्रालय ने घोषणा की कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पूर्व अग्निवीरों को आयु और पीईटी (शारीरिक दक्षता परीक्षण) में छूट भी देगा। महानिदेशक ने इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय सुरक्षा बलों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने भी अपने भर्ती नियमों में बदलाव की घोषणा की है, ताकि पूर्व अग्निवीरों को भी इसमें शामिल किया जा सके। नई नीति के तहत इन व्यक्तियों को आयु और शारीरिक दक्षता परीक्षण में छूट दी जाएगी। एसएसबी के महानिदेशक ने कहा कि इस निर्णय से कई पूर्व अग्निवीरों को आजीविका के अवसर मिलेंगे और बलों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित जनशक्ति मिलेगी।

जून 2022 में सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की, जिसका लक्ष्य 17 से 21 वर्ष की आयु के युवा सैनिकों को चार साल की सेवा अवधि के लिए नियुक्त करना है। इस प्रणाली के तहत, सशस्त्र बल इन भर्तियों में से 25% को विस्तारित सेवा के लिए बनाए रखेंगे, जबकि शेष 75% पर्याप्त विच्छेद पैकेज के साथ सेवानिवृत्त होंगे।

इस योजना की कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आलोचना की है। उन्होंने 75% अग्निवीरों के भविष्य को लेकर चिंता जताई है, जिन्हें चार साल के कार्यकाल के बाद भी नौकरी पर नहीं रखा जाता। विपक्ष इन युवा सैनिकों के सेवा-पश्चात करियर के लिए सरकार की योजना पर सवाल उठाता है।