देश में बाढ़-बारिश से बिगड़े हालात, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में करीब 200 लोगों की मौत, लाखों लोग प्रभावित

केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्य भीषण बाढ़ की चपेट में है। करीब 200 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोगों को घर छोड़ना पड़ा है। केरल और महाराष्ट्र में तो सैलाब जानलेवा हो गया है। भारतीय मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक केरल, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में अगले 24 घंटे में भारी से काफी बारिश होने की संभावना है। जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

केरल

केरल एक बार फिर भीषण बाढ़ की चपेट में है। अब तक सूबे में बाढ़ से 38 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि पिछले तीन दिनों में कई लोगों की मौत हो गई। केरल में बारिश ने इस वर्ष भी कहर ढाया है। केरल के करीब 7 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। लगातार जारी बारिश और बाढ़ के चलते केरल के कई इलाके सैलाब की मार झेल रहे हैं। कहीं पानी का कब्जा है तो कहीं लैंडस्लाइड ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है। पिछले साल की तरह इस बार भी वायनाड बाढ़ की भीषण मार झेल रहा है। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि वायनाड और मलप्पुरम में भूस्खलन के कारण मलबे में कम से कम 40 लोगों के फंसे होने की आशंका है।

राज्य में रेल, सड़क और हवाई यातायात प्रभावित है और कई रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा और कोच्चि हवाई अड्डे के करीब 60 फीसदी हिस्से में जलभराव के कारण यह 11 अगस्त तक बंद है। राज्य के 14 जिलों में से नौ के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है और सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य भर के 738 राहत शिविरों में 64 हजार लोगों को रखा गया है। केरल के वायनाड लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाढ़ को लेकर बात की और उनसे मदद मांगी।

महाराष्ट्र

पश्चिम महाराष्ट्र के पांच जिलों में भीषण बाढ़ के कारण 2।03 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं बाढ़ और बारिश से अब तक सांगली में 12, कोल्हापुर में 4, सतारा में 7, पुणे में 6 और सोलापुर में एक शख्स की मौत हो चुकी है। कोल्हापुर में 34 राहत दल और सांगली में 36 राहत दल काम कर रहे हैं। इनमें एनडीआरएफ, नौसेना, तटरक्षक बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीम भी शामिल है। महाराष्ट्र के अकोला में भारी बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं। बांध में पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि 2 बांध के सभी गेटों को खोलना पड़ा है। नदियों की लहरों ने अपना दायरा तोड़ दिया है। जिससे आस-पास का इलाका पानी में समा गया है।

महाराष्ट्र के सांगली में बारिश और बाढ़ ने जमकर कहर बरपा रखा है। सांगली में जहां देखो, वहां सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। पूरा शहर जैसे समंदर में तब्दील हो गया है, शहर में कोई भी जगह ऐसी नहीं दिखती जहां जलप्रलय का कब्जा ना हो। बाढ़ की मार के बीच एनडीआरएफ और सेना के जवान देवदूत बनकर जमीन पर उतरे हैं, पानी में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है।

शुक्रवार की शाम को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि कर्नाटक अलमाटी बांध से पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़े जिससे पश्चिमी महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित जिलों में जलस्तर कम हो सके। पवार ने बताया कि मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस मामले में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। यह बांध कर्नाटक के नीचे की ओर स्थित है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के सांसद और विधायक राज्य में बाढ़ राहत कार्यों के लिए एक महीने का अपना वेतन दान में देंगे। पार्टी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने सांगली, कोल्हापुर और सतारा के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद यह घोषणा की।

कर्नाटक

कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि बारिश जनित घटनाओं में 12 लोगों की मौत हुई है। जेडीएस सुप्रीमो एच डी देवगौड़ा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि कर्नाटक में बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। गौड़ा ने ट्वीट किया, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि वह कर्नाटक की बाढ़ को अति गंभीर राष्ट्रीय आपदा घोषित करें और जल्द से जल्द अतिरिक्त सहायता पहुंचाए।'

मध्य प्रदेश में नदियों का जलस्तर बढ़ा, जनजीवन प्रभावित

मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बीते तीन दिनों से जारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, वहीं निचली बस्तियों में जलभराव होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कई गांवों का अपने जिला मुख्यालयों से सड़क संपर्क टूट गया है। राज्य के बड़े हिस्से में तीन दिनों से सामान्य से भारी बारिश हो रही है। इसके चलते ताप्ती, नर्मदा, बराना, बीना नदी सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।

केंद्र सरकार की मदद

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि बाढ़ प्रभावित चार राज्यों में राहत और बचाव कार्यों के लिये एनडीआरएफ की लगभग 83 टीमें भेजी गई हैं। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के हालात और उनसे निपटने के लिये केन्द्रीय मंत्रालयों तथा एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई। एनडीआरएफ के महानिदेशक ने बैठक में बताया कि एनडीआरएफ की 83 टीमों ने सभी जरूरी उपकरणों के साथ चारों बाढ़ प्रभावित राज्यों के संवेदनशील इलाकों में मोर्चा संभाल लिया है।

ये टीमें सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बलों की 173 टीमों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। एनडीआरएफ की एक टीम में लगभग 45 कर्मी होते हैं। बयान के अनुसार, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।