दिवालिया घोषित हो सकता है पाकिस्तान! बचे हैं सिर्फ डेढ़ महीने लायक पैसे

नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ही नहीं वहां के लोगों के लिए यह बुरी खबर है, दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी फिच ने पाकिस्तान की रेटिंग को घटा दिया है। पहले पाकिस्तान की रेटिंग B थी अब घटाकर B- कर दी है। वहीं, रेटिंग एजेंसी का कहना है कि पाकिस्तान के पास सिर्फ 1.5 महीने का विदेशी कैश रिजर्व है। फिच का कहना है कि देश पर लगातार बढ़ रहे कर्ज के चलते रेटिंग घटाने का फैसला लिया है। पाकिस्तान के विदेशी पूंजी भंडार में तेज गिरावट आई है। अब देश के पास सिर्फ 1.5 महीने के इंपोर्ट को कवर करने का कैश रिजर्व बचा है। मतलब साफ है कि विदेशों से सामान खरीदने के लिए उसके पास सिर्फ 1.5 महीने की पूंजी है।

यह होगा नुकसान - रेटिंग घटने से पाकिस्तान में विदेशी निवेश घट जाएगा। लिहाजा वहां की करेंसी रुपये में तेजी गिरावट आ सकती है। ऐसे में विदेश से चीजें खरीदना महंगा हो जाएगा। सरकार और आम आदमी पर महंगाई बोझ बढ़ जाएगा। आपको बता दें इस साल जनवरी से अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान के रुपये में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।

अब क्या होगा - एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने न्यूज18हिंदी को बताया कि पाकिस्तान की रेटिंग घटने से उसके कर्ज डिफॉल्ट (दिवालिया) का खतरा बढ़ गया है। अब उसे अपना कर्ज़ चुकाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। पाकिस्तान की करेंसी में तेज गिरावट आ सकती है। लिहाजा देश में महंगाई बढ़ जाएगी।

कौन तैयार करता है रेटिंग - रेटिंग तैयार करते समय कंपनियां एजेंसियों के साथ गोपनीय बातों को भी शेयर करती हैं। एजेंसियों को उन बातों का भी पता रहता है जो आमतौर पर सामान्य लोग नहीं जान पाते हैं। इसके साथ ही जब किसी कंपनी आदि के बारे में रेटिंग की रिपोर्ट तैयार हो जाती है तो उसे जारी करने से पहले संबंधित कंपनी से आंकड़ों आदि के बारे में बात की जाती है जिससे तथ्यों की जांच की जा सके।

अच्छी रेटिंग का मतलब - किसी कंपनी की ऊंची क्रेडिट रेटिंग इस बात की गारंटी नहीं है कि वहां किया जा रहा निवेश पूरी तरह से सुरक्षित है और इस पर निश्चित ही मुनाफा मिलेगा। रेटिंग का मतलब केवल इतना होता है कि ये कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी देती हैं। किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति क्या है इस बारे में निवेशकों को रेटिंग के जरिए जानकारी मिलती है।

खराब रेटिंग का मतलब - अगर किसी कंपनी की रेटिंग बहुत नीचे है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह दिवालिया होने जा रही है या भविष्य में अच्छा नहीं करेगी। हां जहां तक सूचना की बात है तो यह सच है कि इनके माध्यम से निवेशकों को मोटे तौर पर कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी मिल जाती है जिसका वे लाभ ले सकते हैं।

कितने रेटिंग सिंबल होते है - एजेंसी ने ग्रेडिंग के लिए 9 सिम्बल- Aaa, Aa, A, Baa, Ba, B, Caa, Ca और C तय किए हैं। Aa से लेकर Caa तक की 1, 2, 3 सब-कैटेगरी भी होती हैं।