9 साल बाद भारतीय विदेश मंत्री की पहली यात्रा, CHG की बैठक में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद पहुँचे जयशंकर

इस्लामाबाद । विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पाकिस्तान की मेजबानी में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचे। यह 9 वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा थी।

वह एससीओ सदस्य देशों के स्वागत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मेजबानी में आयोजित डिनर में शामिल होंगे। यह 9 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान पर एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए 2015 में इस्लामाबाद का दौरा किया था। भारतीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का विमान रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर उतरा।

भारत ने लगातार कहा है कि पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध केवल आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में ही संभव हो सकते हैं। मंगलवार को जयशंकर के रवाना होने से पहले विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, एससीओ सीएचजी बैठक प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है और संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर केंद्रित होती है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत एससीओ फ्रेमवर्क में सक्रिय रूप से शामिल है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, शरीफ द्वारा आयोजित डिनर मंगलवार को आने वाले नेताओं और प्रतिनिधिमंडलों के लिए एकमात्र आधिकारिक कार्यक्रम है।

बैठक के दूसरे दिन की शुरुआत शरीफ की ओर से इस्लामाबाद के जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में नेताओं का स्वागत करने से होगी। सम्मेलन की कार्यवाही एक ग्रुप फोटोग्राफ और शरीफ के उद्घाटन भाषण के बाद शुरू होगी।

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार और एससीओ महासचिव झांग मिंग के मीडिया में बयान देने से पहले विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री की तरफ से आयोजित एक आधिकारिक लंच का आयोजन किया जाएगा।

एससीओ के अन्य सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति करेंगे।

मंगोलिया के प्रधानमंत्री (पर्यवेक्षक राज्य) और मंत्रिपरिषद के उपाध्यक्ष, तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री (विशेष अतिथि) भी बैठक में भाग लेंगे।

विदेश मंत्री जयशंकर के इस्लामाबाद में केवल 24 घंटे रहने की उम्मीद है और बैठक के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान में सत्तारूढ़ सरकार के कई मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए उनके आगमन पर ध्यान केंद्रित कर रखा है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद और खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) के सूचना सलाहकार बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने जयशंकर को पीटीआई कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए आमंत्रित किया, जो देश की राजधानी में विरोध रैली कर रहे हैं।

सैफ ने कहा, एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद आने वाले सभी विदेशी प्रतिनिधिमंडल हमारे विरोध को देखकर खुश होंगे और हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रथाओं और ताकत की सराहना करेंगे... हम जयशंकर को हमारे सरकार विरोधी प्रदर्शन को संबोधित करने के लिए भी आमंत्रित करेंगे और वह खुद देखेंगे कि पाकिस्तान का लोकतंत्र कितना मजबूत है।

भारत-पाकिस्तान संबंध

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था। 5 अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर की विशेष शक्तियों को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद संबंध और भी खराब हो गए।

नई दिल्ली द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया। भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, जबकि इस बात पर जोर देता है कि इस तरह के संबंध के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है।

पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी मई 2023 में गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की व्यक्तिगत बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे। यह लगभग 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी।