जम्मू-कश्मीर: बम बम भोले के नारों के साथ शुरू हुई इस साल की अमरनाथ यात्रा, पहला जत्था रवाना, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

बम बम भोले के नारों के साथ इस साल की अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है। जम्मू बेस कैंप से रविवार सुबह अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया। यात्रियों का पहला जत्था आज जम्मू से बालटल और पहलगाम के लिए कड़ी सुरक्षा के साथ रवाना हुआ। यह यात्री सोमवार को बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे। इस साल अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलेगी। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार केके शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर यात्रियों को रवाना किया। यात्रियों के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। इस साल की वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त को समाप्त होगी। अभी हाल में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के बाद अपने दो दिन का जम्मू कश्मीर दौरा शुरू किया था और सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया था।

करीब 1.5 लाख श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
अधिकारियों ने बताया कि अब तक देश भर से करीब 1.5 लाख श्रद्धालुओं ने 46 दिन चलने वाली यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। यह यात्रा अनंतनाग जिले के 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गांदेरबल जिल के 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से होती है।

श्रद्धालुओं का विवरण

अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे में 793 पुरुष, 203 महिलाएं, 10 बच्चे, 44 पुरुष साधु, एक महिला साधु शामिल हैं। इस जत्थे में कुल 1051 श्रद्धालु यात्रा पर निकले हैं। यह बालटाल यात्रा का विवरण है। उधर पहलगाम से भी एक जत्था रवाना हुआ है जिसमें 1046 पुरुष, 130 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं। इसमें कोई साधु नहीं है। पहलगाम से निकले जत्थे में कुल यात्रियों की संख्या 1183 है।

श्रद्धालुओं ने कहा भगवान शिव और सेना पर पूरा भरोसा

बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए निकले श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें किसी खतरे का डर नहीं है। यात्रियों ने कहा कि उन्हें भगवान शिव और सेना पर पूरा भरोसा है। यात्रा के पूरे मार्ग पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा बलों ने चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी है और हर आने जाने वाले लोगों की गहन जांच की जा रही है।

जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एमके सिन्हा ने कहा, 'खतरे की आशंका के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर लखनपुर (जम्मू-कश्मीर के लिए प्रवेश द्वार) से लेकर आधार शिविरों, आश्रय केंद्रों, ठहराव स्थानों और सामुदायिक किचन स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। ' उन्होंने कहा कि यात्रा को अवरोधित करने की आतंकवादियों की किसी योजना को लेकर खुफिया जानकारी नहीं है।

इससे पहले 9 जून को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अमरनाथ गुफा की ओर जाने वाले बालताल और पहलगाम मार्गों का हवाई सर्वेक्षण किया था। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मुख्य सचिव बी। वी। आर। सुब्रह्मण्यम और राज्यपाल के सलाहकार के। विजय कुमार के साथ बर्फ की मौजूदगी की स्थिति को जानने के लिए बालताल-डोमेल-संगम-पंजतरनी-शेषनाग-चंदावड़ी-पहलगाम के समूचे अमरनाथ यात्रा मार्ग का हवाई सर्वेक्षण किया।

यात्रा रूट पर IED का खतरा, 40 IED एक्सपर्ट की टीम तैनात

इस साल पहलगाम और बालटाल दोनों रूट पर आरओपी (रोड ओपनिंग पार्टी) और एंटी सैबोटाज टीम की संख्या बढ़ाई गई है। यात्रा रूट पर आईईडी (IED)के खतरे को देखते हुए बम निरोधक दस्ता (BDT) टीम की संख्या दो गुनी की गई है। साथ ही 40 ऐसे नए एक्सपर्ट को लगाया जा रहा है जिन्होंने हाल ही में आईईडी से निपटने की खास ट्रेंनिग ली है। यात्रा रूट पर CCTV कैमरा और ड्रोन की संख्या दो गुनी की गई है। आरएफ ट्रेगिंग के लिए ज्यादा संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया किया गया है। साथ ही हर प्राईवेट गाड़ी का भी आरएफ टैगिंग किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा को ज्यादा हाईटेक करने के लिए 55 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए हैं। पहलगाम के नुनवान कैंप और बालटाल कैंप की सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो तैनात किए गए हैं। पिछली साल के अपेक्षा 50 से 100 अर्द्ध सैनिक बलों की कंपनियां अमरनाथ यात्रा के लिए तैनात की गई हैं। CRPF ने बुलेट प्रूफ एंटीमाईन वेहिकल की संख्या इस साल डबल कर दिया है। यात्रा रूट पर CSRV वेहिकल यानी (क्रिटिकल सिचुएशन रेपोन्स वेहिकल) की तादात बढ़ा दी गई है। हर एक यात्री को तभी यात्रा के लिए जाने दिया जाएगा जब उनके पास यात्रा परमिट का रेजिस्ट्रेशन के दौरान दिया गया पास होगा।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शनिवार को सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने के लिए बालटाल, मणिगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के डूमल के आधार शिविर का दौरा किया। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक के साथ कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एस पी पाणि और गांदरबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहम्मद खलील पोसवाल थे।