सावधान / दशहरा पर रावण का पुतला जलाया तो होगी FIR, कोर्ट में भी जा सकता है मामला!

दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। रामलीला का आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। लेकिन, अब अगर दशहरा (Dussehra) पर रावण का पुतला जलाया तो एफआईआर (FIR) हो सकती है। इतना ही नहीं अगर एफआईआर के बाद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो मामला कोर्ट में भी जा सकता है। यह कहना था एडवोकेट ओमवीर सारस्वत का। मथुरा के रहने वाले एडवोकेट ओमवीर सारस्वत का कहना है कि हम रावण (Ravan) की पूजा करते हैं। रावण महाराज का पुतला जलाए जाने से हमारी आस्था आहत होती है।

सारस्वत ने कहा कि हम लोग रावण महाराज के गौत्र से हैं। इसी आस्था के चलते हम उनकी पूजा करते हैं। वो एक महान ज्ञानी और तपस्वी थे। लेकिन कुछ लोग कुप्रथा के चलते हर साल रावण महाराज का पुतला दहन करते हैं। लेकिन पुतला दहन करने से क्या होता है और इसके पीछे मकसद क्या है, जब ऐसे लोगों से यह पूछो तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता है। इसीलिए हमने एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया था। उनके इस ऐलान से पुलिस प्रशासन सकते में आ गया था। बातचीत के बाद ओमवीर एफआईआर दर्ज न कराने की बात पर तो मान गए, लेकिन रावण जलाए जाने का विरोध जारी रहेगा।

मंदिर की होगी स्थापना

ओमवीर सारस्वत ने बताया कि हम जल्द ही यमुना किनारे पर रावण महाराज के मंदिर की स्थापना करने जा रहे हैं। बेशक यह मंदिर छोटी सी जगह पर होगा, लेकिन यहां रोज रावण महाराज की पूजा होगी और यह एक शुरुआत होगी। इसके लिए लोगों से जनसंपर्क किया जा रहा है। ओमवीर के मुताबिक मथुरा में रावण महाराज को मानने वालों की संख्या भी हज़ारों में है।

ब्राह्मणों का अपमान

एडवोकेट ओमवीर सारस्वत का कहना है कि रावण महाराज प्रकांड विद्वान थे। उनकी विद्वता उनकी योग्यता उनके तप और उनकी युद्ध नीति उनकी चिकित्सा नीति और उनकी धर्म परायण नीति को हम विभिन्न धर्मों से संबंधित ग्रंथों में आज भी देख रहे हैं। रावण का पुतला दहन करना ब्राह्मणों का अपमान है और स्वयं भगवान राम का भी अपमान है। अगर हम भगवान राम के भक्त हैं तो हमें भगवान राम के आचार्य रावण का पुतला दहन नहीं करना चाहिए।

हम पुतला दहन का विरोध करते हैं। राम अगर भगवान हैं तो रावण भी महान हैं। इस संबंध में विगत वर्षों की भांति मथुरा में यमुना की तलहटी में यमुना किनारे भगवान महादेव के मंदिर में रावण की भी पूजा अर्चना और महा आरती होगी और संसार भर के लोगों को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की जाएगी, जिससे इस कुरीति से बच सकें।