कई दिनों से चल रहे पाकिस्तानी कोर्ट में कुलभूषण जाधव के मामले में आखरी फैसला आ ही गया. हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के जस्टिस रोनी अब्राहम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उसे जासूस बताने वाला पाकिस्तान का दावा नहीं माना जा सकता. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वियना संधि के तहत भारत को कुलभूषण जाधव तक कांसुलर एक्सेस मिलना चाहिए. अब्राहम ने कहा कि जाधव की गिरफ्तारी विवादित मुद्दा है. अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगी रहनी चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाधव की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने केस की पैरवी की थी. भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल निलंबित किया जाए. भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले जाधव को फांसी दे सकता है.
भारत ने सबूतों के आधार पर कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए जाधव पर पाकिस्तान के सभी आरोपों को झूठ बताया था जबकि पाकिस्तान ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में सुनवाई पर सवाल खड़े किए थे.