भारत-पाक रिश्ते पर बोले फारूक अब्दुल्ला, बात करें नहीं तो होगा गाजा जैसा हाल

नई दिल्ली। पुंछ आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है और भारत-पाक वार्ता की वकालत की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत नहीं होती है तो जम्मू-कश्मीर का भी हाल गाजा जैसा ही होगा। उन्होंने कहा, ‘अगर हम बातचीत के जरिए समाधान नहीं ढूंढते हैं तो हमारा भी वही हाल होगा जो गाजा और फिलिस्तीन का हो रहा है, जिन पर इजराइल बमबारी कर रहा है।’

समाचार एजेंसी एएएनआई के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए विवादों को खत्म नहीं करते हैं, तो कश्मीर का भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा, जिन पर बमबारी की जा रही है। दरअसल, फारूक अब्दुल्ला पिछले हफ्ते पुंछ में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें भारतीय सेना के चार जवान शहीद हो गए और अन्य घायल हो गए।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘देखिए मैंने हर बार यह कहा है। वाजपेयी जी ने तो कहा था कि दोस्त बदले जा सकते हैं, पड़ोसी नहीं बदले जा सकते हैं। अगर पड़ोसियों के साथ दोस्ती में रहेंगे तो दोनों तरक्की करेंगे। अगर दुश्मनी में रहेंगे तो हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी का बयान है कि युद्ध अब विकल्प नहीं है, बातचीत से मसले हल करने होंगे, मैं पूछता हूं कि कहां है वो बातचीत। आज इमरान खान छोड़ दीजिए…नवाज शरीफ वहां के वजीर-ए-आजम बनने वाले हैं। वो चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि हम बातचीत करेंगे। क्या वजह है कि हम बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं। अगर बातचीत से इसे हमने नहीं सुलझाया तो मैं माफी चाहता हूं कहने के लिए कि हमारा भी वही हाल होगा जो आज गाजा और फिलिस्तीन का हो रहा है, जिन पर आज इजरायल की तरफ से बमबारी की जा रही है। कुछ भी हो सकता है, अल्लाह ही जाने हमारा क्या हाल होगा। अल्लाह रहम करे हम पर।’

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को लेकर फारूक अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब बीते गुरुवार को पुंछ में आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के जवानों पर हमला कर दिया था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे। वहीं, दूसरी तरफ गाजा को लेकर फिलिस्तीन और इजरायल के बीच जंग जारी है। अब तक इस जंग की वजह से फिलिस्तीन में 20 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।