हरियाणा: JJP नेता ने दिया इस्तीफा, कहा- मैं किसानों के साथ खड़ा हूं

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में आज किसान महापंचायत बुलाई गई है। इसमें 50 हजार लोगों के जुटने का अनुमान है। किसान नेता राकेश टिकैत महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए हरियाणा के जींद जिले में पहुंचेंगे। राकेश टिकैत का गांव कंडेला और खटकड़ टोल प्लाजा दो जगह कार्यक्रम रखा गया है। ग्रामीणों ने टिकैत के कार्यक्रम के लिए पूरी तैयारी कर ली है। उधर, हरियाणा के करनाल जिले में जेजेपी के नेता और जिला अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह गोरैया ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ये इस्तीफा कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) के समर्थन में दिया है। उनका कहना है कि मैं अपना व्यक्तिगत फायदा नहीं देखना चाहता था बल्कि मैं किसानों के साथ मिलकर उनकी आवाज़ आगे बढ़ाना चाहता हूं। मैं आगे भी आंदोलन में लगातार जाता रहूंगा।

वहीं उन्होंने कहा कि अगर दुष्यंत चौटाला सरकार और किसानों के मीडिएटर बनते तो शायद उनका कद ऊपर होता, पर उन्होंने सरकार की बात की, किसानों की नहीं। इसलिए मैं पार्टी और पद से इस्तीफा दे रहा हूं और आगे कहां जाऊंगा इस बारे में कुछ नहीं कहता। देखना ये होगा कि उनके इस इस्तीफे के बाद पार्टी में क्या कुछ फेरबदल होता है।

अभय चौटाला ने दिया था विधायक पद से इस्तीफा

बता दें कि किसान आंदोलन के समर्थन में इससे पहले इनेलो नेता अभय चौटाला भी विधायक पद को त्याग चुके हैं। उन्होंने पिछले दिनों विधायक पद से स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा था। अभय चौटाला ने किसान आंदोलन के पक्ष में ऐलान किया था कि 26 जनवरी तक अगर केंद्र सरकार ने कानून वापस नहीं लिए तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।

ऐलनाबाद सीट हो गई खाली

अभय चौटाला खुद पिछले कई दिनों से फील्ड में हैं और इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। कई जिलों में तो विभिन्न विधायकों का विरोध हो चुका है, लेकिन अभय चौटाला एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जिन्हें किसानों व लोगों का व्यापक समर्थन हासिल हो रहा है। अभय चौटाला के इस्तीफा देने के बाद ऐलनाबाद सीट खाली हो गई है और नियमानुसार वहां छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाना है। यह उपचुनाव बरोदा विधानसभा के उपचुनाव से भी ज्यादा रोचक होने की संभावना रहेगी।