Farmers Protest: किसान आंदोलन के चलते बंद हैं ये रास्ते, दिल्ली पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी

कृषि कानूनों के विरोध में 7 दिन से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने की सरकार की कोशिश मंगलवार को नाकाम रही। अब तय हुआ कि कल यानी 3 दिसंबर को फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच बात होगी। इस बीच किसानों ने एलान कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन चलेगा, आगे बढ़ेगा।

सरकार के साथ 35 किसान संगठनों की 3 घंटे की बातचीत बेनतीजा रही। मीटिंग में सरकार कानूनों पर प्रजेंटेशन दिखाकर फायदे गिनवाती रही, लेकिन किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने इतना तक कह दिया कि हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांतिपूर्ण हल। मीटिंग में सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश मौजूद रहे। तीनों आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। किसानों के साथ सरकार 3 दिसंबर को फिर मीटिंग करेगी।

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेशों के किसान दिल्ली कूच की तैयारी में है। इस वजह से दिल्ली के बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं। बॉर्डर बंद होने के कारण लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। जो बॉर्डर खुले हैं, वहां घंटों जाम लग रहा है। कोई पैदल तो कोई घंटों जाम में फंसकर यात्रा करने के लिए मजबूर है।

इस बीच दिल्ली पुलिस ने बुधवार के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक, नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। यहां पर गौतम बुद्ध द्वार के पास किसानों का जमावड़ा है। लोगों से अपील की गई है कि वह नोएडा लिंक रोड की बजाए नोएडा जाने के लिए एनएच-24 और डीएनडी का इस्तेमाल करे।

किसानों के आंदोलन के कारण टिकरी, झारोदा, झटीकरा बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है। बदुसराय बॉर्डर को सिर्फ टू-व्हीलर गाड़ियों के लिए खोला गया है। दिल्ली से हरियाणा में धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी NH-8, बिजवासन/बाजघेरा, पालम विहार और दुंदाहेरा बॉर्डर से जाया जा सकता है।

इसके अलावा सिंधु बॉर्डर भी बंद है। लामपुर, औचंडी समेत कई छोटे बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों के आंदोलन के चलते जिन बॉर्डर को बंद किया गया है, उसके अलावा अन्य रूट से आवागमन करें। सिंधु बॉर्डर के ट्रैफिक को मुकरबा चौके और जीटीके रोड की ओर डायवर्ट किया गया है।

चाय आई तो किसान बोले- धरनास्थल पर आइए, जलेबी खिलाएंगे

3:45 बजे : किसानों और सरकार की मीटिंग शुरू हुई। 4 बजे सरकार की तरफ से किसान नेताओं को चाय ऑफर की गई, लेकिन उन्होंने कहा कि चाय नहीं, हमारी मांगें पूरी करिए। आप धरना स्थल पर आइए, हम आपको जलेबी खिलाएंगे।

4:15 बजे : कृषि मंत्री ने किसानों से आपत्तियां पूछीं। किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने तीनों कानूनों को रद्द करने और MSP की गारंटी देने की मांग रखी। इस पर पीयूष गोयल ने टोकते हुए कहा कि हम तीनों बिलों और MSP पर एक PPT तैयार करके लाए हैं, वो देख लें, फिर आगे बात करेंगे।

5:15 बजे : केंद्रीय राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने कहा कि ये तीनों कानून आप किसानों के फायदे के लिए हैं। किसान बोले कि हमारी जमीनें बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे। आप कानून में कॉरपोरेट को मत लाइए। ये कानून किसानों के लिए डेथ वॉरंट हैं।

6:45 बजे : किसान नेताओं ने कहा जब तक फैसला नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद तोमर बोले कि 3 दिसंबर को फिर मीटिंग करेंगे।