किसानों के दिल्ली-जयपुर हाईवे ब्लॉक के ऐलान के बाद एक्शन में पुलिस, 2 हजार से अधिक पुलिसकर्मी संभालेंगे मोर्चा

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 16वां दिन है। किसानों ने आज से आंदोलन को और भी तेज करने का अल्टीमेटम दिया है। किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि कानून रद्द करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ, इसलिए जल्द ट्रेनें रोकने की तारीख का ऐलान करेंगे। अमृतसर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के किसान 700 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं।भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा। सरकार कानून वापस ले तो किसान अपने घरों को चले जाएंगे। कल दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठक के बाद किसान नेताओं ने एलान किया है कि आज की बैठक में ये फैसला हुआ कि पूरे भारत में अब रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन शुरु किया जाएगा।

वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक अगर केंद्र सरकार हमारी 15 में से 12 मांगों पर सहमत है तो इसका मतलब है कि कानून सही नहीं हैं। किसान नेता तीनों कानूनों को रद्द करने पर ही अड़े हुए हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि वह दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करेंगे। इसे लेकर हरियाणा पुलिस अलर्ट हो गई है।

किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर ड्यूटी देने वाले 2 IPS अफसर कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इनमें एक DCP और एक एडिशनल DCP शामिल हैं। इन्हें होम आइसोलेट कर दिया गया है।

किसान आंदोलन के चलते रेलवे ने ट्रेनें कैंसिल करने का फैसला लिया है। आज सियालदह-अमृतसर और डिब्रूगढ़-अमृतसर ट्रेनें रद्द की गई हैं। 13 दिसंबर को अमृतसर-सियालदह और अमृतसर-डिब्रूगढ़ ट्रेनें कैंसिल की गई हैं।

किसानों द्वारा जयपुर हाईवे NH-48 ब्लॉक करने के ऐलान के बाद भारी पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। 2 हजार से अधिक पुलिस कर्मी NH-48 पर मोर्चा संभालेंगे। किसानों के साथ विभिन्न संगठनों द्वारा 12 दिसंबर को किए गए आंदोलन तेज करने के आह्वाहन पर जिला प्रशासन और पुलिस व्यवस्था मुस्तैद रहेगी।

गुरुग्राम पुलिस और जिला प्रशासन की चप्पे-चप्पे पर नजर रहेगी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई है। गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए तमाम तरह की एडवाइजरी और 2 हज़ार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।

एसीपी हेडक्वार्टर उषा कुंडू की माने तो पुलिस की तैनाती की साथ-साथ शांति व्यवस्था भंग न हो इसके लिए खुफिया तंत्र को भी एक्टिव करके पैनी नजर रखी जा रही है।

केंद्र ने किसानों को साफ संकेत दे दिए हैं कि कृषि कानूनों की वापसी मुश्किल है। अगर कोई चिंता है तो सरकार बातचीत और सुधार के लिए हमेशा तैयार है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसानों से कई दौर की बातचीत की। उनके हर सवाल का जवाब लिखित में भी दिया, लेकिन किसान अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं और ये चिंता की बात है।