किसान आंदोलन को सियासी समर्थन : गाड़ियां रोकी गईं तो पैदल चले, पुलिस ने की घेराबंदी तो धरने पर बैठे, फिर हिरासत में लिए गए अखिलेश यादव

तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है। किसानों के समर्थन में कन्नौज जा रहे अखिलेश यादव को पुलिस ने लखनऊ में ही रोक दिया तो वे धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने अखिलेश को हिरासत में ले लिया।

कन्नौज में समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा रवाना करने से रोके गए समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है। लखनऊ में अपने आवास में करीब छह घंटा नजरबंद रहे अखिलेश यादव ने अपने आवास के पास विक्रमादित्य मार्ग पर धरना दिया और मीडिया को संबोधित किया।

लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर करीब 45 मिनट तक धरने पर बैठे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनको पुलिस की बस में बैठाया गया है। धरना पर बैठे अखिलेश यादव पुलिस की बैरिकेडिंग से बाहर आ गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लेकर पुलिस लखनऊ के ईको गार्डन रवाना हो गई।

अखिलेश ने कहा कि जब किसान धरने पर बैठ सकते हैं तो मैं क्यों नहीं बैठ सकता। मेरा कन्नौज जाने का कार्यक्रम था। मुझे पुलिस के दम पर वहां नहीं जाने दिया जा रहा है। वहां पर करीब 45 मिनट तक धरना देने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने वहां पर लोकसभा अध्यक्ष को दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव बंदरियाबाग चौराहे पर सड़क के बीच में धरने पर बैठे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कोरोना वायरस को एक बहाना बनाया है। भाजपा के लिए किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए कोरोना वायरस कहीं पर भी नहीं है, लेकिन विपक्ष अगर कहीं पर भी कुछ करता है तो सरकार कोरोना का बहाना बना लेती है। अब तो यह सरकार भरपूर तानाशाही कर रही है। हर जगह पर पुलिस के दम पर हमें रोका जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। सरकार किसानों की नहीं सुन रही है। किसान, गरीब, मजदूर सब परेशान हैं।