सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है, जानें नेताजी के कुछ और अनमोल विचार

नेताजी के नाम से प्रसिद्द क्रांतिकारी 'सुभाष चंद्र बोस' ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका दिलाई हैं। इनका जन्म उड़ीसा के कटक में 23 जनवरी 1897 को हुआ था। अपने भाषण और जोश से नेताजी ने देश के युवाओं को आजादी की लड़ाई के लिए प्रेरित किया और 'आजाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया। यूरोप में भारत की आजादी की अलख नेताही ने ही जाग्रत की थी। आज उनके जन्मदिन की वर्षगाठ के ख़ास मौके पर हम आपको उनके अनमोल विचारों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं नेताजी के अनमोल विचार।

* तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा।

* राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शों सत्यम, शिवम्, सुन्दरम से प्रेरित है।

* भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी शक्ति का संचार किया है जो लोगों के अन्दर सदियों से निष्क्रिय पड़ी थी।

* याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।

* एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है।

* इतिहास में कभी भी विचार -विमर्श से कोई ठोस परिवर्तन नहीं हासिल किया गया है।

* मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्याएं गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, कुशल उत्पादन एवं वितरण सिर्फ समाजवादी तरीके से ही की जा सकती है।

* ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।

* आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके।

* एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों को संजोना और उन पर जीना होगा : सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान।जो सिपाही हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने को तैयार रहता है, वो अजेय है। अगर तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने ह्रदय में समाहित कर लो।