जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में आतंकियों के साथ मुठभेड़, मेजर सहित सेना के 4 जवान शहीद, CRPF का सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) से बड़ी खबर सामने आ रही है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में भारतीय सेना का मेजर भी शामिल है। सेना ने इसकी पुष्टि कर दी है। एक नागरिक के भी मरने की खबर है। पुलवामा में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। एरिया को घेर लिया गया है। 55 RR, पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त ऑपरेशन जारी है। ये मुठभेड़ पुलवामा के पिंगलीना में चल रही है। शहीद जवान 55 राष्ट्रीय राइफल्स के थे। मुठभेड़ में मेजर डीएस डौंडियाल शहीद हुए हैं। उनके अलावा हेड कॉन्स्टेबल सेवा राम, अजय कुमार और हरि सिंह भी शहीद हो गए।

एनकाउंटर रात करीब साढ़े 12 बजे शुरू हुआ और रात ढाई बजे तक रुक-रुक कर फायरिंग जारी रही। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी फायरिंग करके मौके से भाग गए हैं। फायरिंग में जवान जख्मी भी हो गए हैं। वहीं एक नागरिक की मौत की भी खबर है।

फिलहाल इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यह मुठभेड़ पुलवामा के पिंगलान इलाके में हुई है। सोमवार तड़के खबर आई थी कि सुरक्षाबलों ने दो-तीन आतंकवादियों को घेर लिया है। इलाके में आतंकियों के होने की जानकारी मिलने के बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया था और आतंकियों की तलाश शुरु कर दी थी। तभी आतंकियों ने भारतीय सेना पर फायरिंग कर दी। इसके बाद दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। मुठभेड़ आधी रात से जारी है।

आपको बता दें कि बता दें कि 14 फरवरी यानी गुरुवार को पुलवामा में ही सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। इस घटना के बाद सेना और सुरक्षाबल एक्शन में हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। पाकिस्तानी संगठन की तरफ से हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिशें तेज कर दी है। दो दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया गया है और इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया गया है। दूसरी तरफ, पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। अधिकारियों ने बताया कि मीरवाइज के अलावा, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी एवं शबीर शाह को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। हालांकि, आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का जिक्र नहीं है। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि आदेश के मुताबिक अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा एवं उपलब्ध कराए गए वाहन रविवार शाम तक वापस ले लिए जाएंगे। किसी भी बहाने से उन्हें या किसी भी अलगाववादी नेता को सुरक्षा या सुरक्षाकर्मी नहीं मुहैया कराए जाएंगे। अगर सरकार ने उन्हें किसी तरह की सुविधा दी है तो वह भी भविष्य में वापस ले ली जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर दौरे पर कहा था कि पाकिस्तान एवं उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से निधि प्राप्त करने वाले लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।