बगदाद में ईरान का अमेरिका पर बड़ा हमला, दागे 8 रॉकेट, 4 इराकी एयरमैन घायल

ईरान ने रविवार रात को इराक के उत्तरी बगदाद में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर बड़ा हमला किया है। उसने इराक के अल बलाद एयरबेस पर अमेरिकी ठिकानों पर 8 रॉकेट दागे हैं, जिसमें चार लोग जख्मी हो गए। घायलों में दो इराकी अफसर और दो एयरमैन शामिल हैं। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक इराक के अल-बलाद एयरबेस पर अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ईरान ने 8 रॉकेट दागे हैं, जिसमें 4 इराकी एयरमैन जख्मी हो गए हैं।

वॉशिंगटन और तेहरान के बीच उपजे तनाव को देखते हुए बगदाद के अल-बलाद एयरबेस से पहले ही बड़ी संख्या में अमेरिकी वायु सैनिक वहां से जा चुके हैं। अल-बलाद एयरबेस इराक के एफ-16 लड़ाकू विमानों का मुख्य एयरबेस है, जिसे उसकी हवाई क्षमता अपग्रेड करने के लिए अमेरिका से खरीदा गया है। मिलिट्री सूत्रों ने एएफपी को बताया कि इस बेस पर अमेरिकी एयरफोर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स का छोटा दस्ता है। लेकिन अधिकतर को पिछले दो हफ्ते से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण वहां से हटा लिया गया है। आज के हमले को भी ईरान से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि चार दिन पहले ही 8 जनवरी को ईरान ने अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागी थीं।

ईरान ने कमांडर कासिम सुलेमानी के अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मौत के बाद बदला लेते हुए मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने इसमें कई अमेरिकी सैनिकों के हताहत होने का दावा किया था लेकिन वॉशिंगटन ने इस दावे को खारिज कर दिया था। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड का कहना है कि उनके 8 जनवरी के हमले का मकसद किसी अमेरिकी सैनिक को मारना नहीं था। फिलहाल लेकिन इतना साफ है कि ईरान ने इस हमले से जता दिया है कि अमेरिका के खिलाफ उसके तेवर अभी ढीले नहीं पड़े हैं।

न्यूज एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है। इस वक्त पूरी दुनिया की नजर ईरान और अमेरिका के तनाव पर है। दोनों देशों के बीच जंग का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। इससे पहले ईरान, इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर दर्जन भर से ज्यादा मिसाइलों से हमला कर चुका है।

उधर, इस मिसाइल हमले के बीच यूक्रेन का एक विमान क्रैश हो गया था जिसमें 176 यात्रियों की मौत हो गई थी। शुरुआत में ईरान इस बात से इनकार करता रहा कि उसके मिसाइल से विमान हादसा हुआ है, लेकिन बाद में उसने कबूला कि दुर्भाग्यवश यह हादसा उसकी मिसाइल से हुआ है। इस विमान हादसे में अधिकांश यात्री ईरान और कनाडा के थे। कनाडा और यूक्रेन ने इस हादसे के जिम्मेदार को सजा देने और हर्जाने की मांग की है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी चेतावनी दी है कि वह स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और अब दूसरा 'नरसंहार' नहीं होना चाहिए।

बता दें कि जहां अमेरिका ईरान से बातचीत के लिए तैयार है, वहीं अब ऐसी स्थितियां बनती दिख रही हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं होने वाले हैं। ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट दागे हैं। अमेरिकी सेना का ऐसा रवैया रहा है कि कभी अटैक के बाद चुप नहीं बैठती। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।