उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ED ने फिर भेजा समन, 5 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया

पटना/नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए एक नया समन भेजा है। उन्हें पांच जनवरी को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में बुलाया गया है। ज्ञातव्य है कि इससे पहले जांच एजेंसी के द्वारा तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वो पूछताछ की प्रकिया में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे थे। तेजस्वी यादव ने बिहार से अपने पक्ष में बयान जारी किया था लेकिन, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एक नया समन जारी करते हुए जांच एजेंसी के द्वारा पांच जनवरी को होने वाली पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इसके साथ ही जांच एजेंसी के द्वारा 27 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित मुख्यालय में बुलाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को लैंड फॉर जॉब केस की जांच कर रही एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने रेलवे तेजस्वी यादव को फ्रेश समन जारी किया। उनसे कहा गया है कि 5 जनवरी को दिल्ली स्थित ईडी के मुख्यालय में उपस्थित होकर पूछताछ में सहयोग करें। जांच एजेंसी डिप्टी सीएम से 2004 से 2009 के बीच रेलवे में कई लोगों को जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में पूछताछ करेगी।

यह मामला तब का है जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप लगाया गया है कि लालू यादव ने नियम कानून को ताख पर रखकर रेलवे के ग्रुप डी में कई लोगों को नौकरी दी और इसके बदले परिवार के सदस्यों के नाम जमीन और अन्य संपत्तियां हासिल की। इस कांड में लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, लालू यादव की बेटी मीसा भारती समेत परिवार के कई सदस्य अभियुक्त हैं। झांसी एजेंसी द्वारा इन सब से कई दौर की पूछताछ की जा चुकी है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय इस चर्चित घोटाला कांड की जांच कर रही है।

इस मामले में तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर को ईडी में पेश होना था लेकिन वे नहीं गए। वकील के माध्यम से उन्होंने टाइम ले लिया था। इस मामले में तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सब लोकसभा चुनाव को लेकर चल रहा है। अब तो रुटीन वर्क हो गया है। पहले भी पूछताछ में कुछ नहीं निकला। इस बार भी कुछ नहीं होगा।

जमीन के बदले नौकरी देने का मामला करीब 600 करोड़ का

जांच एजेंसी ईडी के सूत्रों के मुताबिक, जमीन के बदले नौकरी स्कैम का यह केस काफी गंभीर है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, मामला करीब 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का है। जांच पड़ताल के दौरान अब तक करीब 250 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित सबूतों को और अवैध लेनदेन सहित करीब 350 करोड़ की अवैध चल अचल संपत्तियों से संबंधित इनपुट्स इकट्ठा किए जा चुके हैं। इस मामले में जांच एजेंसी अब तक काफी महत्वपूर्ण सबूतों को इकट्ठा कर चुकी है। लेकिन, कानूनी प्रावधान है कि आरोपियों का बयान दर्ज करना और उसके जवाब का अध्ययन करना भी बेहद जरूरी होता है, लिहाजा इस केस में पिछले कुछ समय से लगातार पूछताछ के लिए कई आरोपियों को जांच एजेंसी द्वारा बुलाया जा रहा है।

इसी साल 2023 में 25 मार्च को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के द्वारा तेजस्वी यादव से और उसी दिन उनकी बड़ी बहन मीसा भारती से जांच एजेंसी ईडी द्वारा कई घंटों की पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई द्वारा ये पूछताछ दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय में की गई थी। जमीन के बदले नौकरी देने का ये मामला तो उस वक्त का है जब तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव केन्द्रीय रेल मंत्री होते थे। उसी दौरान एक विशेष जाति समूह और बिहार के एक विशेष विधानसभा में रहने वाले कई लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में उसकी बेशकीमती जमीन लेने का आरोप है।

जांच एजेंसी के मुताबिक, वही जमीन बाद में लालू प्रसाद के इशारे पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी उनके पुत्र तेजस्वी यादव और मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य बेटियों के नाम से की गई थी। जांच एजेंसी इस मामले में यही जानना चाहती है कि क्या इस मामले की जानकारी उन्हें थी या नहीं? इसके साथ ही लालू परिवार के कई सदस्यों के नाम से कई प्रॉपर्टी कैसे उसके नाम से हुई, इस तरह के कई सवाल हैं जिनका जवाब जांच एजेंसी पड़ताल करने में जुटी है।