नेपाल में 6.4 की तीव्रता से आया भूकंप, 132 मरे, 140 घायल, दिल्ली-NCR तक महसूस हुए झटके

नई दिल्ली। नेपाल में शुक्रवार रात तेज भूकंप आया और इसके झटके पूरे उत्तर भारत से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.4 मापी गई है। भूकंप का इसका केंद्र नेपाल में 28.84 डिग्री अक्षांश और 82.19 डिग्री देशांतर पर 10 किमी की गहराई पर था। रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए।हालांकि, कहीं से किसी प्रकार के नुकसान की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

पश्चिमी नेपाल में शुक्रवार आधी रात को आए 5.6 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 132 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के हवाले से बताया कि स्थानीय समयानुसार शनिवार (1802 जीएमटी शुक्रवार) सुबह करीब 2:02 बजे पश्चिमी जाजरकोट जिले में 18 किमी की गहराई पर भूकंप आया।

शुक्रवार आधी रात को आए 6.4 तीव्रता के भूकंप से नेपाल में भारी जानमाल का नुकसान हुआ। आपदा में देश के उत्तर-पश्चिमी जिलों में धरती के हिलने से काफी संख्या में लोगों की मौतें हो गईं। इमारतों के गिरने और संचार संपर्क टूटने से हालात काफी खराब हो गये। काठमांडू पोस्ट और स्थानीय पुलिस सूत्रों के हवाले से एएनआई की खबर के मुताबिक पश्चिम नेपाल में 132 लोगों की मौत हुई और 140 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से रुकुम जिले में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई और पड़ोसी जाजरकोट जिले में 34 अन्य की मौत हो गई। अफसरों के मुताबिक इमारतों के मलबे में कई लोगों के दबे होने से मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। नेपाल के अलावा भारत में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी और बिहार में आधी रात को लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।

सेना और पुलिस के अस्पतालों में भर्ती कराए गए भूकंप पीड़ित


एएनआई ने नेपाल के उच्चस्तरीय अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल कॉलेज, नेपालगंज सैन्य अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूकंप प्रभावितों के लिए खोल दिया गया है। नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एम्बुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

भूकंप का केंद्र काठमांडू से 331 किमी पश्चिम जाजरकोट की 10 किमी गहराई में था


राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल के अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में जाजरकोट (Jajarkot) में 10 किलोमीटर की गहराई में था। रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए इस भूकंप की वजह से लोगों को बदहवासी में घरों से बाहर निकलना पड़ा। नेपाल में एक महीने में तीसरी बार तेज भूकंप आया है।

घना अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं

अधिकारियों के मुताबिक आपदा के बाद घना अंधेरा होने के कारण गिरी हुई इमारतों और भवनों के अंदर से हताहतों को बाहर निकालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सुरक्षा एजेंसियां और बचाव दल के कर्मचारी सुरक्षित लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे रहे।

प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने बचाव और राहत के लिए तीन सुरक्षा निकायों को लगाया है


प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने आपदा पर दुख जताते हुए सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत बचाव और राहत कार्यों में शामिल होने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया है, “प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात आए भूकंप में जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है और तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा निकायों को तैनात किया है।”

ज्ञातव्य है कि नेपाल में आठ साल पहले 2015 में आये 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और पहाड़ी देश में पांच लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए थे ।